ghar se school tak ki duri par nibandh
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विद्यालय एक ऐसा स्थान है, जहां लोग बहुत कुछ सीखते हैं और पढ़ते हैं। इसे ज्ञान का मंदिर कहा जाता है। अपने विद्यालय या पाठशाला में हम सब जीवन का सबसे ज्यादा समय व्यतीत करते हैं जिसमे हम कई विषयों में शिक्षा लेते हैं।
मेरे विद्यालय का नाम अरविन्द पब्लिक स्कूल है। मेरा विद्यालय बहुत बड़ा और भव्य है, यह भुबनेश्वर में स्थित है। यह तीन मंजिला है और इसकी इमारत बहुत ही सुन्दर है। यह मेरे घर के पास शहर के केंद्र में स्थित हैlविद्यालय की दूरी कम होने के कारण मैं चलकर ही विद्यालय जाता हूं। मेरा विद्यालय पूरे राज्य में सबसे अच्छा और बड़ा है। मेरे विद्यालय के चारों ओर का स्थान बहुत शांतिपूर्ण और प्रदूषण से मुक्त है। सबसे नीचे विद्यालय में ऑडिटोरियम है जहां सभी वार्षिक कार्य और बैठकें संपन्न होती हैं। स्कूल में दोनों सिरों पर सीढ़ियां हैं, जो हमें हर एक मंजिल तक ले जाती हैं।
पहली मंजिल पर एक बड़ा पुस्तकालय है, जो कि पुस्तकों से अच्छी तरह से सुसज्जित है इसमें अनेक विषयों से संबंधित किताबे है। यहां पर वाद्य यंत्र की कक्षायें भी है इसके अलावा एक विज्ञान प्रयोगशाला है।
इसमें विज्ञान और वाणिज्य में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं हैं तथा नर्सरी के बच्चों के लिए भी यही कक्षायें बनायी गई है और दूसरी मंजिल पर एक कंप्यूटर प्रयोगशाला है, तथा यहाँ पर कक्षा पांच से दश तक के छात्र एवं छात्राओं की पढाई के लिए उत्तम व्यवस्था की गई है!
विद्यालय जाने का समय सुबह 7:30 से 2:30 गर्मियों में और सर्दियों में 9:30 से 4:30 तक है। सभी छोटे बच्चों और बड़े बच्चों के लिये छुट्टी होने पर स्कूल से निकलने का अलग-अलग रास्ता है ताकि छोटे बच्चों को बाहर निकलने में कोई परेशानी न हो। हमारे विद्यालय के शिक्षक बहुत ही अनुभवी और योग्य है। शिक्षकों और हमारी प्राचार्या के नेतृत्व में हमारा विद्यालय लगातार उन्नति कर रहा है।
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