Social Sciences, asked by Pranav7311, 1 year ago

‘घरोबोदर’ व ‘लोरो-जंगरंग’ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए?

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Answered by shishir303
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बोरोबोदर और लोरो-जंगरंग पर टिप्पणी...

बोरोबुदर — ‘बोरोबुदुर’ इंडोनेशिया के जावा द्वीप के मंगेलांग नगर में स्थित एक बौद्ध विहार है। इस बौद्ध विहार का निर्माण सन् 750 से 850 ईसवी के बीच ‘शैलेंद्र राजवंश’ के समय में हुआ था। यह बौद्ध विहार एक एक भव्य विहार है और संसार का सबसे बड़ा बौद्ध विहार है। जिसमें यह 9 मंजिला इमारत है। इसके प्रमुख गुंबद के चारों और स्तूप वाली 72 बुद्ध प्रतिमायें हैं। इसके प्रांगण में अनेकों मूर्तियां क्रमानुसार एक पंक्ति में स्थापित हैं इन सारी मूर्तियों की कुल संख्या लगभग 1500 है।

लोरो-जंगरंग — ‘लोरो-जंगरंग’ भी जावा द्वीप में स्थित एक विशाल हिंदु मंदिर परिसर है। यह मंदिर परिसर भी भी बोरोबुदुर के समान भव्य है। इस मंदिर परिसर में तीन मुख्य मंदिर है, जिनमें ब्रह्मा, विष्णु और महेश की मूर्तियां विराजमान हैं। शिव के मंदिर में गणेश, दुर्गा और अगस्त्य की मूर्तियां भी विराजमान है। इसी परिसर में ब्रह्मा, विष्णु और महेश के वाहन क्रमशः हंस, गरुड़ और नंदी के भी मंदिर हैं। इस मंदिर परिसर का नाम दुर्गा के नाम ‘लोरो-जंगरंग’ के नाम से पड़ा, जिसका अर्थ होता है ‘पतली कुमारी’।

Answered by dk6060805
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प्रेम - विश्वासघात की कहानी

Explanation:

  • द लीजेंड ऑफ रोरो जोंग्गरंग मध्य जावा के एक जावानीस लोकप्रिय किंवदंती (लोककथाएं) हैं जो प्रेम और विश्वासघात, योद्धा और शापित राजकुमारी की कहानी कहती हैं।
  • यह प्रांतन मंदिर परिसर में रातू बोको महल, सेवाू मंदिर और दुर्गा प्रतिमा की पौराणिक उत्पत्ति के बारे में भी बताता है।
  • रोरो शीर्षक एक अविवाहित राजकुमारियों और महिला बड़प्पन को संबोधित करने के लिए एक प्राचीन सम्मानजनक शीर्षक है, इस प्रकार जावनी में रा रा जोंगग्रंग नाम का अर्थ है 'पतली युवती'।
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