girgit Ki Tarah Rang badalne wale Kisi Mor Ka purse kalpanik Patra Par aadharit Ek Kahani likhiye
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यह कहावत तो गिरगिट की तरह रंग बदलना बरसों पुरानी चली आ रही है | अपना काम निकलने के बाद सब गिरगिट की तरह रंग बदलते है |
मोहन और सोहन दोनों बहुत अच्छे दोस्त और पड़ोसी भी थे | वह दोनों हमेशा साथ रहते थे | साथ स्कूल जाते थे , साथ खेलते थे | उनके पड़ोस में एक अंकल थे , उन पर किसी भी बात पर विश्वास करना बहुत मुश्किल था | वह कभी कुछ बोलता था और कभी कुछ | वह विश्वास करने लायक नहीं थे| वह आदमी सामने बहुत अच्छा बनता था | जब वह नया-नया आया हमें पता नहीं था , तो हमें उसके स्वभाव के बारे में पता नहीं था | वह बैंक में काम करता था और बहुत बोलता था जब भी कोई काम होगा मुझे बताना | जब हम दोनों एक दिन बैंक गए और हमें कुछ काम था हम अंकल के पास गए और अंकल ने हमारी मदद करने से मना कर दी | उन्होंने ऐसे व्यवहार किया जैसे वह हमें जानते ही नहीं और अपना रंग बदल दिया | हम दोनों को बड़ी हैरानी हुई की अंकल कैसे बदल गए | सामने और अच्छे बनते है और काम के लिए बोलो तो जानते भी नहीं है |