give me an essay on krida mahatwa
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हर किसी के जीवन में खेल-कूद बहुत महत्वपूर्ण होता है। खेलकूद में भाग लेने के लिए हमें हर किसी को प्रोत्साहित करना चाहिए। खेलकूद में भाग लेने से शरीर स्वस्थ और तंदुरुस्त रहता है।
इससे शरीर को स्फूर्ति मिलती है जिससे हम अपने दिन भर का कार्य क्रियात्मक तरीके से कर पाते हैं। आज हम इस निबंध से शारीरिक शिक्षा और खेलकूद के महत्व के विषय में चर्चा करेंगे। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि खेलकूद हमारे सामाजिक और संचार कौशल को कैसे बेहतर बनाता है?
खेलकूद मनुष्य के जीवन का एक अभिन्न अंग है। जीवन के अन्य कार्य कलापों के साथ-साथ खेल-कूद के लिए भी समय निकालना बहुत आवश्यक है। आपने वह कहावत तो सुना ही होगा ‘ स्वस्थ मन स्वस्थ शरीर में ही होता है’ यानी अगर आप शारीरिक परिश्रम और खेल-कूद में भाग लेंगे तो आप स्वस्थ रहेंगे और साथ ही आप अपने रोज के सभी कार्य सक्रिय रूप से कर पाएंगे। हम मनुष्य को मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार से स्वस्थ रहना बहुत ही आवश्यक होता है जिसमें खेल-कूद बहुत अहम भूमिका निभाते है।
खेल-कूद से हमारे मन का तनाव दूर होता है और इससे मन और शरीर को शांति मिलती है। कभी-कभी यही खेल-कूद जीवन के मुश्किल समय में शरीर को शक्ति देता है। खेल-कूद शरीर में रक्त संचरण को सही रखता है।
नियमित रूप से खेलकूद में भाग लेने वाले लोग समय के महत्व को सही रूप में समझ पाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि खेलकूद प्रतियोगिताओं में हर एक मिनट और सेकेंड का बहुत मूल्य होता है जिसके कारण जीवन में भी समय के मूल्य को वह समझ पाते हैं।
खेलकूद बच्चों के साथ-साथ बड़ो के लिए भी जरूरी है। यह अपने हर दिन के ऑफिस के कामों के बाद परिवार के साथ समय बिताने के लिए अच्छा है। बढ़ते बच्चों के लिए खेल में भाग लेना बहुत अच्छा होता है क्योंकि इससे उनका मानसिक और शारीरिक विकास और बेहतर तरीके से होता है।
खेलों को खासकर दो टीमों या दो व्यक्तियों के बीच प्रतियोगिता के रूप में खेला जाता है। दुनिया भर में कई प्रकार के खेल खेले जाते हैं। खेलों को खासकर दो प्रकार में विभाजित किया गया है – इनडोर गेम्स और आउटडोर गेम्स।
इनडोर गेम्स वह खेल होते हैं जिन्हें घर के अन्दर खेला जाता है। इनडोर खेल के कुछ उदहारण है – बास्केटबाल, वॉलीबाल, टेनिस, बॉक्सिंग, कुश्ती, बैडमिंटन, चेस आदि। आउटडोर गेम्स वह खेल होते हैं जिन्हें किसी बड़े खुले मैदान या बड़ी जगह पर खेला जाता है। आउटडोर खेल के कुछ उदाहरण हैं – क्रिकेट, फुटबॉल, दौड़ आदि।
कुछ ऐसे खेल भी होते हैं जिनसे दिमाग और मजबूत बनता है जैसे सुडोकू, चैस आदि। बीच-बीच में विश्व स्तर पर कई प्रकार के खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया जाता है जैसे एशियन गेम्स, ओलंपिक गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स आदि। इन प्रतियोगिताओं में विश्व के बेहतरीन खिलाड़ी भाग लेते हैं और मेडल जीतकर अपने देश के शान को बढ़ाते हैं।
आज के इस आधुनिक युग में कई प्रकार के घरेलू गतिविधियों ने खेल की जगह को ले लिया है जैसे टेलीविजन देखना, वीडियो गेम्स खेलना, इंटरनेट पर वीडियो देखना, मोबाइल फोन का उपयोग, या कंप्यूटर पर गेम्स खेलना, आदि। इन बिना शारीरिक परिश्रम वाले गतिविधियों के कारण बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इन मनोरंजन के हानिकारक गतिविधियों के कारण वह इनडोर और आउटडोर खेल से दूर होते जा रहे हैं जिससे उनके अच्छे व्यक्तित्व विकास और शारीरिक शक्ति में कमी हो रही है।
कई लोगों को लगता है कि खेल बच्चों के कैरियर को खराब कर देता है। परंतु आज के युग में यह बात सोचना बिलकुल गलत है। आज अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी खेल में रुचि रखता हो और वह उस खेल में बहुत ही बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है तो वह इस खेल में अपना कैरियर भी बना सकता है।
आज हमारे देश भारत के लिए यह बहुत ही सम्मान की बात है कि हॉकी, क्रिकेट, टेनिस के साथ-साथ कबड्डी जैसे खेलों को भी विश्व स्तर पर खेला जाने लगा है। यह इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है कि आज खेल के माध्यम से भी कोई अपना एक बेहतरीन कैरियर बना सकता है।
खेलकूद से जुड़े हुए लोग हमेशा तंदुरुस्त और खुश रहते हैं। आज लगभग सभी स्कूलों और कॉलेजों में भी कई प्रकार के खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से बच्चों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन प्रतियोगिताओं में बच्चे अलग-अलग खेलों में भाग लेते हैं और जीतने वाले बच्चों को स्कूल प्रशासन द्वारा वार्षिक खेल दिवस सम्मेलन पर मेडल और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जाता है। बच्चों को अपने स्कूल के दिन अतिरिक्त पाठ्यचर्या गतिविधियों में जरूर भाग लेना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिलता है।
निष्कर्ष
खेल किसी भी देश के युवाओं का प्रतीक है। इससे देश के लोग स्वस्थ और युवा रहते हैं। एक आलस पूर्ण और निष्क्रिय राष्ट्र कभी भी उन्नत नहीं करता है। इसीलिए देश का विकास शारीरिक व्यायाम और खेल-कूद पर बहुत निर्भर करता है।
साथी ही खेलकूद पर ध्यान देने वाले लोग बीमारियों से दूर रहते हैं जिससे उनका जीवन खुशियों से भरा रहता है।
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