give me an example for ulpreksha alankar!
Answers
१. कहती हुई यों उत्तरा के नेत्र जल से भर गए|
हिम के कणों से पूर्ण मानो हो गए पंकज नए||
२. सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात|
मनहुं नीलमनि सैल पर, आतप परयौ प्रभात||
३. ले चला साथ मैं तुझे कनक |
ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण - झनक||
४. पलक प्रकट करती है धरती हरित तृणों की नोकों से|
मानो झूम रहे हों तरु भी, मंद पवन के झोंको से||
५. बहुत काली सिल
जरा-से लाल केसर - से
की जैसे धुल गई हो|
६. पाहून ज्यों आये हों गाँव में शहर के|
मेघ आए बड़े बन ठन के संवर के||
७. उस वक्त मारे क्रोध के तनु कांपने उनका लगा|
मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा||
८. सखी सोहत गोपाल के, उर गुंजन की माल|
बाहर सोहत मनु पिये, दावानल की ज्वाल||
९. मोर मुकुट की चन्द्रकनि, त्यों रजत नन्दनन्द|
मनु ससि सेखर को अकस, किए सेखर सतचन्द||
१०. लता भवन ते प्रगट भे, तेहि अवसर दोऊ भाई|
निकसे जनु जुग विमल विधु जलद पटल विलगाई||