give the summary of the poem "yeh danturit muskan".
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यह कविता जनचेतना के कवि बाबा नागार्जुन द्वारा लिखी गई है। जिसमें बाबा जी ने एक दूध मुझसे बच्चे के नवीन दांतो के अंकुरन के विषय में बताया है कि किस प्रकार एक शिशु के दांत जब आते हैं तो वह मुस्कुराने लगता है।
कमल के फूल काम बिंब उदाहरण देकर कवि ने इस कविता को और जानदार बना दिया है। बच्चे की मुस्कान देखकर कवि कालिदास मन खुशी से प्रफुल्लित हो उठता है।
कवि को बच्चे की मुस्कान में कोई स्वार्थ नज़र नहीं आता है। कवि को केवल उस बच्चे काम मुस्कान में एक एहसास महसूस होता है जो कवि को शांति प्रदान करता है।
कवि को बच्चे का धूल से बना गाल और कमल का किचड़ में खिलना एक सा लगता है। कवि को ऐसा लगता है मानो कमल किचड़ को छोड़कर झोपड़ी में खिला है।
बच्चे के स्पर्श से कवि को लगता है मानो शेफाली काम फूल खिले हैं ऐसा लगता है।
कमल के फूल काम बिंब उदाहरण देकर कवि ने इस कविता को और जानदार बना दिया है। बच्चे की मुस्कान देखकर कवि कालिदास मन खुशी से प्रफुल्लित हो उठता है।
कवि को बच्चे की मुस्कान में कोई स्वार्थ नज़र नहीं आता है। कवि को केवल उस बच्चे काम मुस्कान में एक एहसास महसूस होता है जो कवि को शांति प्रदान करता है।
कवि को बच्चे का धूल से बना गाल और कमल का किचड़ में खिलना एक सा लगता है। कवि को ऐसा लगता है मानो कमल किचड़ को छोड़कर झोपड़ी में खिला है।
बच्चे के स्पर्श से कवि को लगता है मानो शेफाली काम फूल खिले हैं ऐसा लगता है।
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pigal Kar ban gya Hoga Latin pashan me Konsa alankar ke
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