Hindi, asked by shaziya92, 1 year ago

give the very easiest example of Shant Ras​

Answers

Answered by abhijitdebata99
3
Shant Ras (शांत रस)

इसका स्थायी भाव निर्वेद (उदासीनता) होता है इस रस में तत्व ज्ञान कि प्राप्ति अथवा संसार से वैराग्य होने पर, परमात्मा के वास्तविक रूप का ज्ञान होने पर मन को जो शान्ति मिलती है वहाँ शान्त रस कि उत्पत्ति होती है जहाँ न दुःख होता है, न द्वेष होता है मन सांसारिक कार्यों से मुक्त हो जाता है मनुष्य वैराग्य प्राप्त कर लेता है शान्त रस कहा जाता है


plzz mark me brainlest
Answered by Anonymous
8

1 श्रृंगार रस

"गाता शुक जब किरण बसंती छूती अंग पर्ण से छनकर

किंतु शुकी के गीत उमड़कर रह जाते सनेह में सन कर"

2 वीर रस

" वह खून कहो किस मतलब का जिसमें उबाल का नाम नहीं

वह खून कहो किस मतलब का आ सके देश के काम नहीं"

3 शांत रस

" माली आवत देखि के कलियनुँ करे पुकार

फूले फूले चुन लई काल्हि हमारी वार"

4 करुण रस

"हां सही न जाती मुझसे अब आज भूख की ज्वाला

कल से ही प्यास लगी है हो रहा ह्रदय मतवाला"

5 रौद्र रस

"रे नृप बालक काल बस बोलत तोहि न संभार

धनुही सम त्रिपुरारी धनु विदित सकल संसार "

6 भयानक रस

"एक ओर अजगर ही लखि एक ओर मृग राय

विकल बटोही बीच ही परर्यो मूर्छा खाए"

7 वीभत्स रस

"सिर पर बैठ्यो काग आंख दोउ खात निकारत

खींचत जीभहिं स्यार अतिहिआनंद उर धारत"

8 अद्भुत रस

"अखिल भुवन चर अचर सब हरि मुख में लखि मातु

चकित भई गद् गद वचन विकसित दृग पुलकातु"

9 हास्य रस

"लाला की लाली यों बोली

सारा खाना ये चर जाएंगे

जो बच्चे भूखे बैठे हैं

क्या पंडित जी को खाएँगे "।

follow me


shaziya92: good job
shaziya92: from where u r
shaziya92: ohh
shaziya92: wow
Anonymous: ....wht.?
shaziya92: haryana se ho tm
shaziya92: whi kh ri thi
Anonymous: hmmm
shaziya92: yes
Anonymous: ohk
Similar questions