English, asked by aritrighosh31, 9 days ago

Good morning Dishi, Aditi, Sumedha. By the way Dishi what do I do??? in the case of number.​

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Answered by ankitraj272727
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Answer:

याद रखो, जब विचार का दीप बुझ जाता है तो आचार अंधा हो जाता है और हम अंधेरा फैलाने नहीं, अंधेरा मिटाने आए हैं.

– साहब बहादुर राठौड़, गॉड एंड गन (1995)

#12. हम कुत्तों से बात नहीं करते.

– राणा, मरते दम तक (1987)

#13. हम तुम्हें वो मौत देंगे, जो ना तो किसी कानून की किताब में लिखी होगी

और ना ही कभी किसी मुजरिम ने सोची होगी.

– ब्रिगेडियर सूर्यदेव सिंह, तिरंगा (1992)

#14. अगर सांप काटते ही पलट जाए तो उसके ज़हर का असर होता है वरना नहीं. हम सांप को काटने की इजाज़त तो दे

सकते हैं लेकिन पलटने की इजाज़त नहीं देते परशुराम.

– पृथ्वीराज, बेताज बादशाह (1994)

#15. राजा के ग़म को किराए के रोने वालों की ज़रूरत नहीं पड़ेगी चिनॉय साहब.

– राजा, वक्त (1965)

#16. घर का पालतू कुत्ता भी जब कुर्सी पर बैठ जाता है तो उसे उठा दिया जाता है. इसलिए क्योंकि कुर्सी उसके

बैठने की जगह नहीं. सत्य सिंह की भी यही मिसाल है. आप साहेबान ज़रा इंतजार कीजिए.

– साहब बहादुर राठौड़, गॉड एंड गन (1995)

#17. शेर को सांप और बिच्छू काटा नहीं करते..

दूर ही दूर से रेंगते हुए निकल जाते हैं.

– राजेश्वर सिंह, सौदागर (1991)

Here is the dialogue of Rajkumar

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