हे हैं। अपठित गद्यांश कबूतर इस गद्यांश को ध्यान से पढ़ो। फिर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखो। सिर्फ गुटर-गू नहीं करते, वे संदेशवाहक भी हैं। संदेश भी वे केवल शांति का नहीं देते, बल्कि एक डाकिए की तरह सुख-दुख, शांति-अशांति के सभी समाचार लाते-ले जाते हैं। संदेश ले जानेवाले कबूतरों को 'कासिद' या नामावर' कहा जाता है। इस प्रजाति के कबूतर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ सकते हैं। सम्राट अशोक के शासनकाल में भी कबूतरों के माध्यम से डाक भेजने की व्यवस्था प्रचलित थी। कबूतरों का इस्तेमाल जासूसी करने में भी किया जाता है। जंगलों में आग लगने पर जंगल के चौकीदार अपने अधिकारियों को कबूतरों के माध्यम से संदेश भेजते रहे हैं।
1 प्राचीनकाल में कबूतरों से क्या काम लिया जाता था?
2 संदेश ले जानेवाले कबूतरों को क्या कहा जाता था? 3 डाक भेजने के अतिरिक्त कबूतर क्या करते थे?
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1.कबूतरो का इस्तेमाल जासूसी करने में भी किया जाता है
2 संदेश ले जानेवाले कबूतरों को 'कासिद' या नामावर' कहा जाता है
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