हाइड्रोजन के (i) इलेक्ट्रॉन न्यून, (ii) इलेक्ट्रॉन परिशुद्ध तथा (iii) इलेक्ट्रॉन समृद्ध यौगिकों से आप क्या समझते हैं? उदाहरणों द्वारा समझाइए।
Answers
हाइड्रोजन के (i) इलेक्ट्रॉन न्यून, (ii) इलेक्ट्रॉन परिशुद्ध तथा (iii) इलेक्ट्रॉन समृद्ध योगिकों को निचे समझाया गया है :-
(i) इलेक्ट्रॉन न्यून :- हाइड्रोजन के जिन यौगिकों में प्राम्परिक लुईस संरचना का प्रतिनिधित्व करने वाले इलेक्ट्रॉनों में आवश्यकता से कम इलेक्ट्रॉन उपस्थित होते हैं, वैसे यौगिकों को इलेक्ट्रॉन न्यून कहा जाता है। इसे इलेक्ट्रॉन की कमी वाले हाइड्राईड्स भी कहते हैं।
उदाहरण :- B2H6 इसमें कुल छह बाँड होता है, जिसमें से सिर्फ चार बॉन्ड ही नियमित दो केंद्रित - दो इलेक्ट्रॉन बॉन्ड होता है। और बाकि के दो बॉन्ड तीन केंद्रित - दो इलेक्ट्रॉन बॉन्ड होता है। जिसका मतलब दो इलेक्ट्रॉन तीन परमाणुओं के साथ साझा करता है।
(ii) इलेक्ट्रॉन परिशुद्ध :- हाइड्रोजन के जिन यौगिकों में प्राम्परिक लुईस संरचना का प्रतिनिधित्व करने वाले इलेक्ट्रॉनों में आवश्यकता के अनुसार प्राप्त इलेक्ट्रॉन हों, उन यौगिकों को इलेक्ट्रॉन परिशुद्ध यौगिक कहते हैं। इसे इलेक्ट्रॉन सटीक हाइड्राईड्स भी कहते हैं।
उदाहरण :- CH4, C2H4Si2H6 इसमें चार नियमित बॉन्ड बनाता है और दो इलेक्ट्रॉन - दो परमाणुओं के साथ साझा करता है।
(iii) इलेक्ट्रॉन समृद्ध :- इलेक्ट्रॉन समृद्ध यौगिक को इलेक्ट्रॉन युक्त हाइड्राईड्स भी कहा जाता है। इलेक्ट्रॉन समृद्ध यौगिक में प्राम्परिक लुईस संरचना के लिए आवश्यक इलेक्ट्रॉनों से अधिक इलेक्ट्रॉन होता है।
उदाहरण :- NH3 इसमें नाइट्रोजन के एक परमाणु पर इलेक्ट्रॉनों के एक अकेली जोङी तीन नियमित बन्धन बनाता है।