हाइड्रोजन के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के आधार पर आवर्त सारणी में इसकी स्थिति को युक्तिसंगत ठहराइए।
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★ AnSwEr :
- हाइड्रोजन आवर्त सारणी का पहला तत्व है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास [1s 1] है। इसके 1 एस शेल में केवल एक इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति के कारण, हाइड्रोजन एक दोहरे व्यवहार को प्रदर्शित करता है।
- अन्य क्षार धातु की तरह हाइड्रोजन एकल इलेक्ट्रॉन को यूनिपोसिटिव आयन बनाने के लिए खो देता है
- जब हाइड्रोजन एचसीएल जैसे यौगिक अवस्था में मौजूद होता है तो यह अन्य की तरह +1 ऑक्सीकरण अवस्था को प्रदर्शित करता है
- हाइड्रोजन में विद्युतीय तत्वों के प्रति मजबूत आत्मीयता है और उनके साथ मिलकर यौगिक बनाते हैं।
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हाइड्रोजन के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के अधार पर आवर्त सारणी में इसकी स्थिति को युक्तिसंगत इस प्रकार ठहराया गया है कि –
• आवर्त सारणी में हाइड्रोजन पहला तत्व है इसे हम प्रोटियम भी कहते हैं। हाइड्रोजन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास इस प्रकार है (1s1) । क्यूँकि हाइड्रोजन के S शेल मे सिर्फ एक ही इलेक्ट्रॉन उपस्थित होता है जिसके कारण यह दोहरा व्यवहार दिखाता है ।
• इसका व्यवहार क्षार धातुओं और हलोजन दोनों से मिलता है, जिसकी वजह से इसे क्षार धातुओं के समूह 1 मे शीर्ष पर और हलोजन के साथ समूह 17 मे हलोजन की तरह रखा गया है। आवर्त सारणी में हाइड्रोजन की स्थिति विवादास्पद है जिसका कारण उसका दोहरे व्यवहार वाला होना है।
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