हो जाती हूँ
(प्रतिमा बन तुम्हारी आराध्या हो जाती हूँ)
विश्वास करो,
यह सबसे बड़ा देवत्व है, कि -
तुम पुरुषार्थ करते मनुष्य हो,
और मैं स्वरूप पाती मृत्तिका ।
(क) रौंदे और जोते जाने पर मिट्टी किस रूप में परिवर्तित हो जाती
(ख) मातृरूपा बनने के लिए मिट्टी को कौन से कष्ट झेलने पड़ते हैं
(ग) पुरुषार्थ को सबसे बड़ा देवत्व क्यों कहा गया है ?
(घ) आपको मिट्टी का कौन सा स्वरूप प्रिय है ? क्यों ?
(ङ) उपर्युक्त काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए ।
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जब मनुष्य का अहंकार समाप्त हो जाता है, तब मिट्टी उसके लिए पूज्य बन जाती है।
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