Hindi, asked by Anonymous, 1 year ago

हेलो!!

अपने भविष्य को लेकर विद्यार्थी का उसके अध्यापक से संवाद लिखे।

फालतु उत्तर कृपया करके न दे और उत्तर केवल हिंदी में ही पोस्ट कीजिए या फिर न करे ।

और उत्तर कम से कम १०० शब्दों में होना चाहिए ।

धन्यवाद :)

Answers

Answered by Brainlyaccount
8
hai!! ✋✋






dear friend **









here is ur answer!!







-----------------------------------------------------------------------------










छात्र - सुप्रभात सर
अध्यापक - सुप्रभात बच्चा
छात्र- सर हमारी परीक्षा कब से है
अध्यापक- अभी उसमें समय
छात्र -तो सर हम फिर अभी से रिवीजन करना शुरू कर दें अध्यापक- वाह बेटा सब लोग कुछ सीखो इस बच्चे से
छात्र -धन्यवाद सर

---------------
अध्यापक - अगर बच्चा अच्छे से पढ़ाई करोगे तो तुम पढ़ाई में फर्स्ट आओगे और तुम अपने भविष्य में कुछ कर पाओगे इसीलिए पढना बहुत जरूरी है हमें पढ़ना चाहिए रोज स्कूल जाना चाहिए घर पर कम से कम 6 घंटा पढ़ना चाहिए.
रोज स्कूल जाने से कुछ नहीं होता घर पर भी पढ़ना चाहिए जो ना आए उसे 10 बार करना चाहिए अगर तब भी ना आए तो स्कूल में जाकर टीचर से पूछना चाहिए.....................
अध्यापक भगवान के समान होता है उसका कहना मानना चाहिए .........








आशा है यह उत्तर आपकी मदद करेगा✋

Anonymous: thank u :)
Brainlyaccount: wlcm sister
Anonymous: ^_^
Brainlyaccount: :-)
Answered by Simplebeing
5
                                                           अध्यापक - छात्र संवाद

अध्यापक कक्षा में प्रवेश करता है ओर छात्र अभिवादन करते हैं।

छात्र - गुरुजी प्रणाम!

अध्यापक - खुश रहो प्यारे बच्चों !

छात्र - आज आप से निवेदन है कि कुछ नया न पढ़ा कर कृपया हमें परीक्षा संबंधी कुछ दिशानिर्देश दें जो की हमरे भविष्य से भी जुड़ी हुई बात है।

अध्यापक - ठीक है प्यारे बच्चों ! जैसा आप चाहो। वैसे भी परीक्षा का समय नजदीक है तो आजकल पुनरवरत्ती ( रिवीजन) का कार्य ही चल रहा होगा।

छात्र - जी! हमलोग वहीं कर रहे है ।

अध्यापक - बच्चों परीक्षा चाहे जैसी हो , परीक्षा ही होती है। परीक्षा है तो सफलता ओर असफलता भी जुड़ी है इससे। असफलता की न सोच कर सिर्फ सफलता का ही विचार हमेशा करना चाइए ओर उसी ओर अग्रसर रह के  पूरा प्रयास करना चाहिए।

छात्र - जी!

अध्यपक - आज प्रतियोगिता का युग है परन्तु किसी भी प्रतियोगिता में मात्र सफल होना ही पर्याप्त नहीं है। सफलता को स्वर्णिम बनाने की भी कोशिश करनी चाहिए।

छात्र - जी!

अध्यापक - आपकी आज कि मेहनत आपका कल ओर भविष्य सुधारेगी। परन्तु ये अवश्य ध्यान रहे की मात्र अंक ही नहीं अपितु ज्ञान का सर्वोत्तम महत्व है। ज्ञानी व्यक्ति सर्वत्र पूजा जाता है।

छात्र - जी! हमें कुछ मार्गदर्शन करें की किस प्रकार हम अध्ययन करके अच्छा ज्ञान  के साथ अछे  अंक भी ला सकें। हमारा छात्र जीवन कैसे सफल ही सकता है।

अध्यापक - बहुत ही अच्छा विचार है आप लोगों  का ।

छात्र - जी , धन्यवाद!

अध्यापक - एक अच्छे सफल व्यक्ति के लिए - पवित्र, दंभरहित, धैर्यवान, सहनशील, अती - परिश्रमी, होना अति आवश्यक है। जो निद्रा , आलस्य और भय के अधीन न हो। निंदा एवं आलोचना से सबक लेने वाला हो और प्रसंसा से संतोष कर के न बैठ जाए|

छात्र - जी!

अध्यापक - सबसे बड़ा गुण जो किसी व्यक्ति को सफल ओर महान बनाता है वो है - समय न  नष्ट करना।

छात्र - पर कैसे पता चले की ह समय नष्ट कर रहे है।

अध्यापक - समय का दुरुपयोग ही समय का नष्ट करना है। सबसे बड़ी बात ये है कि हमें पता होता ही की हमें अपने विद्यार्थी - जीवन को सफल बनाने के लिए कहा समय ज्यादा लगाना है।
उदाहरण के लिए अपनी क्लास को ही लो । अध्यापक जब कुछ उपयोगी पढ़ा  रहा हो तो कुछ तो  समय का  सदुपयोग कर रहे होते है और  वो तो अध्यापक की बातों पर ध्यान देते है ओर जिन्हें समय नष्ट करना है क्लास का वो अन्य गतिविधियों में लगे रहते हैं। और विद्यार्थी के लिए तो समय का सदुपयोग अति आवश्यक है क्योंकि वो अपने जीवन की बुनियाद तैयार कर रहा होता है। उसके अधिकतम व्यक्तित्व का विकास विद्यार्थी काल में ही हो जाता है। आगे भविष्य में कुछ अच्छा न बाने  का कारण आपके विद्यार्थी काल की म्हणत को ही मानेंगे|
तो समय का सदुप्योग ओर मातापिता ओर बड़ों का आदर अति आवश्यक है। रात को  सोते समय ये इत्मीनान होना चाहिए  मेरा कोई समय आज नष्ट नहीं हुआ आज फालतू और अनुपयोगी  कार्यों में. और अगर  इत्मीनान नहीं है तो दुसरे दिन  से  सुधार करो . 

छात्र - जी! हम समझ गए की समय नष्ट करना अपने जीवन को असफल बनाने जैसा है। समय नष्ट हम कैसे करते है ये समझ आ गया। अब हम हम अपना समय फालतू के कार्यों में न लगा कर अपने अध्ययन पर खर्च करेंगे। हमें ये भी बताने की कृपा करें की हम कितना पढ़े ,कब पढ़े ओर कैसे उत्तर लिखे की अधिकतम अंक हासिल कर सकें।

अध्यापक -  वैसे तो परंपरा भोर के समय पढ़ने की रही है परन्तु अब समय बदल चुका है ओर रोशनी की अच्छी सुविधा हमें प्राप्त है। तो कब पढ़े ये अपने मन ओर मूड के अनुसार ही तय करो । कितना पढ़ना है ये इस बात से तय करो की आज का काम कल पर नहीं छोड़ना है ओर अगर कोई टेस्ट होने वाला है तो पूरे अंक ही लाने हैं ...तो आपको खुद ही पता चल जाएगा कि कितना समय देना है। रही बात अच्छे अंको की तो उत्तर का प्रस्तुतिकरण अच्छा होना चहिए । राइटिंग अच्छी नहीं भी है तो शब्दों के बीच ज्यादा दूरी बना के लिखो। साफ - सुथरा उत्तर लिखो। शब्दों की सीमा के भीतर उत्तर समाप्त करने का प्रयास करें। जीतना पूछा जाए उतना ही जवाब लिखो। अगर प्वाइंट बनाए जा सकते हों तो प्वाइंट ओर हेडिंग को बनाते हुए उत्तर लिखो। स्पेलिंग की गलतियां मत करो।समय का ध्यान रखो। ये मन में रहना चाहिए कि इतना अच्छा करें की जो भी आपकी कॉपी चेक करे वो एक भी अंक काटने के लिए  एक भी बहाना न पाए। आपने देखा होगा की आजकल आर्ट्स के विषयों में भी लोग पुरे अंक प्राप्त कर रहे है और ये आपके प्रेरणा स्रोत भी  होने चाहिए. अपनी छमता के अनुसार अच्छी रणनीति तैयार करो पढने की . 

छात्र - आपका बहुत - बहुत धन्यवाद गुरुजी।

अध्यापक - मेरा आशिर्वाद हमेशा आपलोगों के साथ है। मेहनत कर के अच्छी सफलता अर्जित करते जाओ  जीवन की  हर परीक्षा में।

छात्र - जी!

अध्यापक - ओर अंत में ये भी सुन लो की आप को समय पर विजय कौन दिलाएगा।

छात्र - जी, बताइए!

अध्यापक - दो बातें! अगर ये दोनों है तो आपको जीवन में महान सफलताएं अर्जित करने से कोई नहीं रोक सकता। हर भटकाव,  लालच , असमय के आकर्षण ओर समय के अनुचित प्रयोग से आपको ये दोनों हमेशा बचते रहेंगे।

छात्र - जी वो दोनो कौन से बाते हैं?

अध्यापक - त्याग और दृढ़ - इछशक्ती।
अब समय भी ही चुका है। हम अब आपसे विदा लेते हैं। फिर मुलाकात होगी।

छात्र -  धन्यबाद एवं प्रणाम  सर जी।आपकी बातों का हम सदैव ध्यान रखेंगे |

अध्यापक - प्रणाम ! सदा खुश रहो ओर सम्मानित  रहो।


                                                                    संवाद समाप्त 
_________________________________________

Anonymous: great Answer sir
Simplebeing: धन्यवाद बालिके !!
AkshithaZayn: nice
Simplebeing: धन्यवाद जी ।
Similar questions