हाल ही में वैज्ञानिकों के दल ने गेहूं जीनोम में ऐसे स्थानों की खोज की है, जिस कारण गेहूं के दाने में किस सूक्ष्म पोषक तत्व की अधिकता होती है?
Answers
इस अध्ययन से जुड़े बीएचयू के शोधकर्ता डॉ. विनोद कुमार मिश्र ने बताया, "जिंक की विभिन्न मात्रा वाले गेहूं की किस्में मौजूद हैं। पर, हम यह पता लगाना चाहते थे कि जिंक की अधिक मात्रा निर्धारित करने के लिए कौन-से जीन्स जिम्मेदार हैं। इस तरह की जानकारी भावी शोधों और नई फसल किस्मों के विकास में मददगार हो सकती है। इस अध्ययन में गेहूं के 330 जर्म प्लाज्म को एक जैसे वातावरण और परिस्थितियों में उगाया गया है और यह देखा गया है कि समान वातावरण में अगर किसी गेहूं में जिंक की मात्रा अधिक पायी जाती है तो उसके पीछे कौन-से जीन्स जिम्मेदार हैं।"
वो आगे बताते हैं, "इससे पहले भी इस तरह के अध्ययन हुए हैं, पर यह अध्ययन अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पूर्व अध्ययनों की अपेक्षा अधिक संख्या में अनुवांशिक मार्करों का उपयोग किया गया है। किसी जीव अथवा पादप के गुणों के लिए जिम्मेदार जीन्स की पहचान करने में ये मार्कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अनुवांशिक अध्ययन में मार्करों की भूमिका मील के पत्थर की तरह होती है, जो जीन्स तक पहुंचने में मदद करते हैं।"
पारंपरिक फसल प्रजनन और अत्याधुनिक जीनोमिक पद्धति के उपयोग से गेहूं जैसे प्रमुख खाद्यान्नों में पोषण मूल्यों को शामिल करना लाभकारी हो सकता है। प्रमुख जीनोमिक क्षेत्रों और आणविक मार्करों की पहचान होने से मार्कर आधारित प्रजनन के जरिये संवर्द्धित फसल कतारों का चयन सटीक ढंग से किया जा सकेगा।