हेलेन केलर प्रकृति की किन चीज़ों को छूकर और सुनकर पहचान लेती थीं ? पाठ पढ़कर इसका उत्तर लिखो।
Class 6 NCERT Hindi Chapter ‘जो देखकर भी नहीं देखते’
Answers
Answered by
91
‘जो देखकर भी नहीं देखते ‘ हेलेन केलर द्वारा लिखित निबंध है। हेलेन केलर दृष्टिहीन महिला थी। जब भी वह अपने मित्रों से मिलती थी उनसे पूछती थी कि वह बाहर घूम कर आए हैं तो उन्होंने क्या देखा? मित्रों का उत्तर होता था ‘कुछ खास नहीं’ यह जवाब सुनकर उन्हें आश्चर्य होता था कि आंखें होते हुए भी वे कुछ नहीं देखते जबकि वह अंधी होते हुए भी सब कुछ देख लेती हैं।
उत्तर :-
हेलेन केलर पेड़ की छाल को छूकर पहचान लेती थी कि यह कौन सा पेड़ है। भोजपत्र के पेड़ को उसकी चिकनी छाल से तथा चीड़ की खुरदरी छाल के कारण पहचान लेती थी। वसंत में टहनियों पर खिली हुई कलियों को स्पर्श से खोज की थी। फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह तथा घुमावदार बनावट को छूकर अनुभव करती थी। वह टहनी के छूने से उत्पन्न हुआ चिड़ियों का मधुर गुंजन तथा उंगलियों के बीच से झरने के बहते हुए पानी को महसूस करती थी। चीड़ की फैली पत्तियां या घास का मैदान उन्हें महंगी कालीन की तरह लगता था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
उत्तर :-
हेलेन केलर पेड़ की छाल को छूकर पहचान लेती थी कि यह कौन सा पेड़ है। भोजपत्र के पेड़ को उसकी चिकनी छाल से तथा चीड़ की खुरदरी छाल के कारण पहचान लेती थी। वसंत में टहनियों पर खिली हुई कलियों को स्पर्श से खोज की थी। फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह तथा घुमावदार बनावट को छूकर अनुभव करती थी। वह टहनी के छूने से उत्पन्न हुआ चिड़ियों का मधुर गुंजन तथा उंगलियों के बीच से झरने के बहते हुए पानी को महसूस करती थी। चीड़ की फैली पत्तियां या घास का मैदान उन्हें महंगी कालीन की तरह लगता था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Answered by
96
हेलेन केलर प्रकृति की किन चीज़ों को छूकर और सुनकर पहचान लेती थीं? पाठ पढ़कर इसका उत्तर लिखो।
उत्तर:- हेलन केलर भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती थी। वसंत के दौरान वे टहनियों में नयी कलियाँ, फूलों की पंखुडियों की मखमली सतह और उनकी घुमावदार बनावट को भी वे छूकर पहचान लेती थीं। चिडिया के मधुर स्वर को वे सुनकर जान लेती थीं।
उत्तर:- हेलन केलर भोज-पत्र के पेड़ की चिकनी छाल और चीड की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती थी। वसंत के दौरान वे टहनियों में नयी कलियाँ, फूलों की पंखुडियों की मखमली सतह और उनकी घुमावदार बनावट को भी वे छूकर पहचान लेती थीं। चिडिया के मधुर स्वर को वे सुनकर जान लेती थीं।
Similar questions