Hindi, asked by yumnaparveen, 5 hours ago

हिमाचल प्रदेश का फेनावा के उपर 15 लाइन लिखिए ​

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Answered by pandeydevannshi
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हिमाचल के हर जिले का अपना पहनावा, अपने वस्त्र विशेष के कारण उनकी अलग पहचान की जा सकती है।

यहां महिलाओं के पहनावे में मौसम और भौगोलिक विभिन्नता के कारण परिवर्तन आ जाता है।

मैदानी इलाके की महिलाएं कमीज, कुर्ता, सलवार, चादरु, चुड़ीदार सुथण लेकिन पहाड़ी इलाके की महिलाएं इसके साथ ढाठु (धाटु) व बास्केट का भी इस्तेमाल करती हैं।

सर्दियों में पट्ट, शॉल आदि पहनावे में शामिल होते हैं। शादियों या किसी अन्य किसी उत्सव में लगभग बीस गज कपड़े से बना चुनटदार घाघरा और चोली का रिवाज है।

पुरुषों का पहनावा कमीज, पायजामा, सदरी, बास्कोट, सूती कपड़े की टोपी या पहाड़ी टोपी, साफा मुख्य रहा है।

पहाड़ी इलाके के पुरुष ऊनी चूड़ीदार पायजामा, सूती कमीज और कोट पहनते हैं।

सर्दियों में कोट, कोटी, पट्ट, गर्म चद्दर, गर्म जुराबें आदि रहते हैं ।कुल्लू जिले की बात करें तो कुल्लू की ऊनी रंगी-बिरंगी जुराबों का कोई सानी नहीं है।

यहां की टोपी तो विश्व प्रसिद्ध है।

पैरों में यहां पुलें पहनी जाती हैं।

यदि बात जिला कांगड़ा की करें यहां की वेशभूषा में पुरुष कुर्ता (लंबा बंद गले और बिना कॉलर वाला), पायजामा, सिर पर साफा जो मण्डी के साफे से हल्का- सा भिन्न है, पगड़ी, लंगोट, तौलिया, धोती, टोपी और सर्दी में कोटी, स्वैटर, मफलर आदि पहनते हैं तथा महिलाएं सलवार, पजामी, कुर्ती, सुथण, चादरु, रीढ़ा (विवाह के समय दुल्हन को जो ओढ़नी दी जाती है), जंपर (कुर्ते की तरह का वस्त्र), चूड़ीदार पायजामा (वृद्ध महिलाएं पहनती हैं), चोली और घाघरी प्रमुख वस्त्र हैं।

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