हिमालय से निकलने वाली नदियाँ अधिक उपयोगी क्यों हैं?
Answers
Explanation:
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ़ और ग्लेशियरों के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्तर प्रवाह बना रहता है। मॉनसून माह के दौरान हिमालय क्षेत्र में बहुत अधिक वृष्टि होती है और नदियाँ बारिश पर निर्भर हैं अत: इसके आयतन में उतार चढ़ाव होता है। इनमें से कई अस्थायी होती हैं।
तटवर्ती नदियाँ, विशेषकर पश्चिमी तट पर, लंबाई में छोटी होती हैं और उनका सीमित जलग्रहण क्षेत्र होता है। इनमें से अधिकांश अस्थायी होती हैं। पश्चिमी राजस्थान के अंतर्देशीय नाला द्रोणी क्षेत्र की कुछ् नदियाँ हैं। इनमें से अधिकांश अस्थायी प्रकृति की हैं। हिमाचल से निकलने वाली नदी की मुख्य प्रणाली सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदी की प्रणाली की तरह है।
Answer:
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ खेती के लिए लाभदायक उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी का उत्तम स्त्रोत होती हैं। नदियां न केवल जल प्रदान करती है बल्कि घरेलू एवं उद्योगिक गंदे व अवशिष्ट पानी को अपने साथ बहकर ले भी जाती है। बड़ी नदियों का उपयोग जल परिवहन के रूप मे भी किया जा रहा है।
Explanation:
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ़ और ग्लेशियरों( हिमानी या हिमनद) के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्तर प्रवाह बना रहता है। हिमालय की नदियों के बेसिन बहुत बड़े हैं एवं उनके जलग्रहण क्षेत्र सैकड़ों-हजारों वर्ग किमी. में फैले हैं।
भारत की प्रमुख नदियों की सूची
- सिंधु नदी 2,880 (709) मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत) I
- झेलम नदी 720. शेषनाग झील, जम्मू-कश्मीर I
- चिनाब नदी 1,180. बारालाचा दर्रे के निकट I
- रावी नदी 725. रोहतांग दर्रा, कांगड़ा I
- सतलुज नदी 1440 (1050) मानसरोवर के निकट राकसताल I
- व्यास नदी 470. रोहतांग दर्रा I
- गंगा नदी 2,510.
- यमुना नदी 1375.