Hindi, asked by StarTbia, 1 year ago

हामिद गाँरीव है फिर भी वह ईद के दिन अन्य लड़को से अधिक प्रसन्न है, क्यों?
Hindi Class X SCERT Telangana Ch 2

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Answered by KomalaLakshmi
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. प्रस्तुत प्रश्न ईदगाह पाठ से लिया गया है |इसका लेखक प्रेमचंद जी है |कहानी के माद्यम से हमें पाठ का परिचय दियागया |सन १८८०,जुलाई ३ मेकाशी में एक गरीब घराने आपका जन्म हुआ |इनके बचपन का नाम धनपत राय श्रीवास्तव था |नौकरी करते हुए इन्होने बी. ए. पास किया |इन्हें “उपन्यास सम्राट” भी कहा जाता है |इनकी कहानिया मानसरोवर शीर्षक से  आठ खंडो में संकलित है |गोदान ,सेवासदन ,निर्मला आदि इनके प्रमुख उपन्यास है |बढे घरकी बेटी ,कफन आदि प्रमुख है |

      त्योहार जीवन में नई उमंग भर देती है |खुशिया भी बढती है |इस लिए दुनुयाँ के सभी आमिर -गरीब बढ़ी बेसब्री से त्योहरोंका इंतज़ार करते है |इन त्योहारों में बड़ों से ज्यादा बच्चे अधिक आनदं ओर उस्तह दिखाते है |सभी बच्चें ,बूढ़े ईद के दिन नए कपडे पहनके ख़ुशी से नमाज केलिए ईदगाह जा रहे थे |हामिद पिता न होते हुए भी अपने मित्रों के साथ ईदगाह जाते वक्त वह अत्यंत प्रसन्न लग रहा था |पिता की मृत्यु के बाद वह अकेले ईदगाह जाने की उतावली में अधिक प्रसन्न था |

Answered by manvithanarmeta
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  1. Answer:

भोली सूरत वाला हमें चार-पांच साल का दुबला पतला लड़का है उसके मां-बाप दोनों बीमार होकर मर गए थे हमें तो अपने बुड्ढी दादी अमीना के लाल ना पालना में है उसके पांव में जूते नहीं है सिर पर मोटा काला पड़ा पुरानी टोपी है आशा तो बड़ी चीज और प्यारी होती है इसी आशा से हमें बहुत प्रसन्नता

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