हानि सिद्धांत अनुसार स्वतंत्रता पर कब प्रतिबंध लगाना जाना उचित है
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व्यक्तिवाद एक नैतिक (एथिकल), राजनैतिक एवं सामाजिक दर्शन (outlook) है जो व्यक्ति की स्वतन्त्रता एवं व्यक्तिगत आत्मनिर्भरता पर बल देता है और उसका समर्थन करता है। साधारण अर्थ में, स्वार्थ के समर्थन की, अथवा विशिष्ट समझे जानेवाले व्यक्तियों की महत्ता स्वीकार करने की प्रवृत्ति। दर्शन में, प्रत्येक व्यक्ति को विशिष्ट व्यक्ति ठहराने की प्रवृत्ति।
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