Hindi, asked by rajmahourmr, 5 months ago

हिन्दी अनुवादं लिखत।
आसीत कश्चित चंचलो नाम व्याधः। पक्षि मृगादीनां ग्रहणेन सः स्वीयां जीविका निर्वाहय
स्म। एकदा सः वने जालं विस्तीर्य ग्रहम आगतवान। अन्यस्मिन् दिवस प्रातः काले य
चंचलः वनं गतवान् तदा सः दृष्टवान् यत् तेन विस्तारिते जाले दौर्भाग्याद् व्याघ्रः बद्धः आसी​

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Answered by badashu6
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Answer:

केषां) ग्रहणेन चञ्चलः स्वीयां जीविकां निर्वाहयति स्म ? *

Answered by madhusri378
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Answer:

  • किसी भाषा में कही या लिखी गयी बात का किसी दूसरी भाषा में सार्थक परिवर्तन अनुवाद कहलाता है। अनुवाद का कार्य बहुत पुराने समय से होता आया है।
  • संस्कृत में 'अनुवाद' शब्द का उपयोग शिष्य द्वारा गुरु की बात के दुहराए जाने, पुनः कथन, समर्थन के लिए प्रयुक्त कथन, आवृत्ति जैसे कई संदर्भों में किया गया है। संस्कृत के ’वद्‘ धातु से ’अनुवाद‘ शब्द का निर्माण हुआ है

प्रस्तुत प्रश्न का अनुवाद :

चंचला नाम का एक भेड़िया था उन्होंने पक्षियों और हिरणों को पकड़कर अपना जीवन यापन किया। एक बार उसने जंगल में अपना जाल फैलाया और ग्रह पर आ गया। अगली सुबह बेचैन आदमी जंगल में गया और देखा कि बाघ दुर्भाग्य से उस जाल में फंस गया था जिसे उसने फैलाया था.

#SPJ3

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