हिंदी अनुच्छेद-लेखन, संवाद -लेखन और चित्र -वर्णन कहानी के
रूप में लिखने का अभ्यास कीजिए।
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चित्र -वर्णन
यह दृश्य एक सुंदर उद्यान का है। दो बालक फुटबॉल के साथ खेल रहे हैं। बालक फुटबॉल को पाँव से मारते हुए दौड़ रहे हैं। एक बालक इस खेल को कुछ दुरी से देख रहा है। आस-पास हरे-भरे पेड़-पौधे हैं। इस तरह हरियाली में खेलना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत अच्छा होता है। अतः सभी को चाहिए कि वे सुबह-शाम हरे-भरे उद्यानों में खेले या सैर करे ताकि सभी स्वस्थ व् प्रसन्न रहें। कहा भी गया है - स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है।मित्र के जन्म दिन का उत्सव
अनुच्छेद-लेखन
मेरे मित्र रोहित का जन्म-दिन था। उसने अन्य मित्रों के साथ मुझे भी बुलाया। रोहित के कुछ रिश्तेदार भी आए हुए थे, किन्तु अधिकतर मित्र ही उपस्थित थे। घर के आँगन में ही समारोह का आयोजन किया गया था। उस स्थान को बहुत ही सुंदर ढंग से सजाया गया था। हर जगह झण्डियाँ और गुब्बारे थे। आँगन में लगे एक पेड़ पर रंग-बिरंगे बल्ब जगमग कर रहे थे। जब मैं पहुँचा तो मेहमान आने शुरू ही हुए थे। मेहमान रोहित के लिए कोई-न-कोई उपहार लेकर आते, उसके निकट जाकर बधाई देते और रोहित उनका धन्यवाद करता। क्रमशः लोग छोटी-छोटी टोलियों में बैठकर गपशप करने लगे। संगीत की मधुर ध्वनियाँ गूँज रही थी। एक-दो मित्र उठकर नृत्य करने लगे। कुछ मित्र तालियों बजा कर अपना योगदान देने लगे। चारों ओर उल्लास का वातावरण था।
सात बजे के लगभग केक काटा गया। सब मित्रों ने तालियाँ बजाई और मिलकर जन्मदिन की बधाई का गीत गाया। माँ ने रोहित को केक खिलाया। अन्य लोगों ने भी केक खाया। फिर सभी खाना खाने लगे। खाने में अनेक प्रकार की मिठाइयाँ और नमकीन थे। तब हमने रोहित को एक बार फिर बधाई दी, उसकी दीर्घायु की कामना की और अपने-अपने घर को चल दिए। वह कार्यक्रम इतना अच्छा था कि अब भी स्मरण हो आता है।
संवाद -लेखन
दो दोस्तों के बीच पढ़ाई को लेकर संवाद लेखन
प्रदीप – कैसे हो दोस्त ?
सुरेश – मैं ठीक हूं , तुम कैसे हो ?
प्रदीप – पढ़ाई कैसी चल रही है ?
सुरेश – मेरी पढ़ाई तो बहुत बढ़िया हो रही है ! तुम्हारी पढ़ाई कैसी हो रही है?
प्रदीप – मेरी भी पढ़ाई ठीक चल रही है , बस कुछ विषय में दिक्कत है !
सुरेश – किस विषय में दिक्कत है ?
प्रदीप – अर्थशास्त्र में चक्रवृद्धि ब्याज समझ नहीं आ रहा।
सुरेश – वह तो बहुत आसान है छोटा सा ट्रिक है।
प्रदीप – क्या तुम मुझे समझा सकते हो ?
सुरेश – क्यों नहीं तुम जो मेरे मित्र हो।
प्रदीप – कब समय दे सकते हो।
सुरेश – शाम को मेरे घर आ जाना मैं फ्री रहता हूं।
प्रदीप – धन्यवाद मित्र शाम को मिलते हैं।