Hindi, asked by gouravkuamrverma2, 8 months ago

हिंदी भाषा में कितने प्रकार के उपसर्ग प्रचलित है स्पष्ट करें​

Answers

Answered by Anonymous
26

\huge\bold\purple {उत्तर}

उपसर्ग - वे शब्दांश, जो किसी शब्द के आरंभ में लगकर उनके अर्थ में विशेषता ला देते हैं या तो उनके अर्थ को बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।

उपसर्गो के तीन प्रकार होते हैं।

संस्कृत उपसर्ग (जिनकी संख्या 22 है)

अति, अधि, अनु, अप, अभि, अव, आ, उत्, उप, दुर, नि, परा, परि, प्र, प्रति, वि, सम्, सु, निर्, दुस्, निस्, अपि ।

हिंदी उपसर्ग (इनकी संख्या 10 है)

अ, अध, ऊन, औ, दु, नि, बिन, भर, कु, सु।

उर्दू उपसर्ग (इनकी संख्या 19 है)

अल, ऐन, कम, खुश, गैर, दर, ना, फ़िल्, ब, बद, बर, बा, बिल, बिला।

नोट-

  1. उर्दू के सारे उपसर्ग अरबी-फारसी से लिए गये हैं। ये संख्या में लगभग 19 हैं।
  2. उर्दू उपसर्ग को विदेशी उपसर्ग भी कहते हैं, जो अधिक उचित प्रतीत होता है।
Answered by tanmaykushwaha51
2

Answer

उपसर्ग - वे शब्दांश, जो किसी शब्द के आरंभ में लगकर उनके अर्थ में विशेषता ला देते हैं या तो उनके अर्थ को बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।

उपसर्ग - वे शब्दांश, जो किसी शब्द के आरंभ में लगकर उनके अर्थ में विशेषता ला देते हैं या तो उनके अर्थ को बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।उपसर्गो के तीन प्रकार होते हैं।

उपसर्ग - वे शब्दांश, जो किसी शब्द के आरंभ में लगकर उनके अर्थ में विशेषता ला देते हैं या तो उनके अर्थ को बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।उपसर्गो के तीन प्रकार होते हैं।संस्कृत उपसर्ग (जिनकी संख्या 22 है)

उपसर्ग - वे शब्दांश, जो किसी शब्द के आरंभ में लगकर उनके अर्थ में विशेषता ला देते हैं या तो उनके अर्थ को बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।उपसर्गो के तीन प्रकार होते हैं।संस्कृत उपसर्ग (जिनकी संख्या 22 है)अति, अधि, अनु, अप, अभि, अव, आ, उत्, उप, दुर, नि, परा, परि, प्र, प्रति, वि, सम्, सु, निर्, दुस्, निस्, अपि ।

उपसर्ग - वे शब्दांश, जो किसी शब्द के आरंभ में लगकर उनके अर्थ में विशेषता ला देते हैं या तो उनके अर्थ को बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।उपसर्गो के तीन प्रकार होते हैं।संस्कृत उपसर्ग (जिनकी संख्या 22 है)अति, अधि, अनु, अप, अभि, अव, आ, उत्, उप, दुर, नि, परा, परि, प्र, प्रति, वि, सम्, सु, निर्, दुस्, निस्, अपि ।हिंदी उपसर्ग (इनकी संख्या 10 है)

उपसर्ग - वे शब्दांश, जो किसी शब्द के आरंभ में लगकर उनके अर्थ में विशेषता ला देते हैं या तो उनके अर्थ को बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।उपसर्गो के तीन प्रकार होते हैं।संस्कृत उपसर्ग (जिनकी संख्या 22 है)अति, अधि, अनु, अप, अभि, अव, आ, उत्, उप, दुर, नि, परा, परि, प्र, प्रति, वि, सम्, सु, निर्, दुस्, निस्, अपि ।हिंदी उपसर्ग (इनकी संख्या 10 है)अ, अध, ऊन, औ, दु, नि, बिन, भर, कु, सु।

उपसर्ग - वे शब्दांश, जो किसी शब्द के आरंभ में लगकर उनके अर्थ में विशेषता ला देते हैं या तो उनके अर्थ को बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।उपसर्गो के तीन प्रकार होते हैं।संस्कृत उपसर्ग (जिनकी संख्या 22 है)अति, अधि, अनु, अप, अभि, अव, आ, उत्, उप, दुर, नि, परा, परि, प्र, प्रति, वि, सम्, सु, निर्, दुस्, निस्, अपि ।हिंदी उपसर्ग (इनकी संख्या 10 है)अ, अध, ऊन, औ, दु, नि, बिन, भर, कु, सु।उर्दू उपसर्ग (इनकी संख्या 19 है)

उपसर्ग - वे शब्दांश, जो किसी शब्द के आरंभ में लगकर उनके अर्थ में विशेषता ला देते हैं या तो उनके अर्थ को बदल देते हैं, उपसर्ग कहलाते हैं।उपसर्गो के तीन प्रकार होते हैं।संस्कृत उपसर्ग (जिनकी संख्या 22 है)अति, अधि, अनु, अप, अभि, अव, आ, उत्, उप, दुर, नि, परा, परि, प्र, प्रति, वि, सम्, सु, निर्, दुस्, निस्, अपि ।हिंदी उपसर्ग (इनकी संख्या 10 है)अ, अध, ऊन, औ, दु, नि, बिन, भर, कु, सु।उर्दू उपसर्ग (इनकी संख्या 19 है)अल, ऐन, कम, खुश, गैर, दर, ना, फ़िल्, ब, बद, बर, बा, बिल, बिला।

नोट-

  1. उर्दू के सारे उपसर्ग अरबी-फारसी से लिए गये हैं। ये संख्या में लगभग 19 हैं।
  2. उर्दू के सारे उपसर्ग अरबी-फारसी से लिए गये हैं। ये संख्या में लगभग 19 हैं।उर्दू उपसर्ग को विदेशी उपसर्ग भी कहते हैं, जो अधिक उचित प्रतीत होता है।
Similar questions