हिंदी के मूल आकार भाषाएं कौन सी है उनकी विशेषताएं लिखि
Answers
➲ हिंदी के मूल आकार भाषाएं और उनकी विशेषताएं इस प्रकार हैं...
पश्चिमी हिंदी
- खड़ी बोली अथवा कौरवी
- ब्रजभाषा
- कन्नौजी
- बुंदेली
- अवधी
- हरियाणवी
पूर्वी हिंदी
- अवधी
- बघेली
- छत्तीसगढ़ी
राजस्थानी
- पूर्वी राजस्थानी (जयपुरी)
- पश्चिमी राजस्थानी (मारवाड़ी)
- उत्तरी राजस्थानी (मेवाती)
- दक्षिणी राजस्थानी (मालवी)
पहाड़ी
- पश्चिमी पहाड़ी
- मध्यवर्ती पहाड़ी
- कुमाऊनी गढ़वाली
बिहारी
- भोजपुरी
- मगही
- मैथिली
व्याख्या ⦂
✎... खड़ी बोली : खड़ी बोली हिंदी का सबसे विकसित और प्रचलित रूप है, जो वर्तमान मानक हिंदी का मूल आधार है। यह बोली दिल्ली और मेरठ के आसापास के क्षेत्र के बीच बोले जाने वाली बोली थी, जो मानक हिंदी का आधार बनी।
ब्रजभाषा : यह बोली मथुरा और उसके आसपास के क्षेत्रों में बोली जाने वाली बोली है, जिसमें आगरा, मथुरा, धौलपुर, मैनपुरी, अलीगढ़, एटा, बदायूं, बरेली जैसे क्षेत्र आते हैं।
कन्नौजी : कन्नौजी कन्नौज और उसके आसपास बोली जाने वाली बोली है, जिसमें कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, कानपुर, हरदोई, पीलीभीत क्षेत्र के बीच बोली जाने वाली बोली है।
बुंदेली : बुंदेली बोली उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड, झांसी, छतरपुर, ग्वालियर, हमीरपुर, होशंगाबाद क्षेत्र आते हैं।
हरियाणवी : हरियाणवी बोली हरियाणा के अधिकतर क्षेत्रों में बोली जाने वाली बोली है।
पूर्वी हिंदी : पूर्वी हिंदी में अवधी, बघेली, छत्तीगढ़ी आदि भाषाएं आती हैं। अवधी भाषा लखनऊ, इलाहाबाद, फतेहपुर, मिर्जापुर, सीतापुर, फैजाबाद, सुल्तानपुर, उत्तर-प्रदेश के कई क्षेत्रों में बोली जाने वाली बोली है। बघेली और छत्तीसगढ़ी छत्तीसगढ़ की मुख्य भाषायें हैं।
राजस्थानी भाषा : राजस्थानी भाषा चार रूपों में बोली जाती है, जो पूर्वी राजस्थानी, पश्चिमी राजस्थानी, उत्तर राजस्थानी और दक्षिणी राजस्थानी भाषायें प्रमुख हैं।
बिहारी हिंदी : बिहारी हिंदी में भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषा आती हैं। भोजपुरी भाषा पूर्वी उत्तर प्रदेश (पूर्वांचल) क्षेत्र तथा मगही और मैथिली भाषा बिहार, झारखंड के क्षेत्रों में बोली जाने वाली है।
◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌◌