हिंदी में हवा पर अपनी 6 लाइन कविता लिखें
write your own 6 line poem on the wind in Hindi
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Explanation:
कल तक जो पराई थी, हम से जो थी ख़फ़ा
दूर की बहार से, ये कहाँ से चली आई हवा
लहरों से टकराती थी, भीगी भीगी है जिसकी फिज़ा
बौछार बन छू रही, नीली गीली सी ये हवा
जानती पहचानती ये, करती मुझसे ऐसे बात
इसकी वादी लगती जैसे वीराने में मनहर साथ
दूर से बुलाती थी, ख़यालों में देती थी सज़ा
बदन सी इतराती, सनसनाती सी ये हवा
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Explanation:
मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैं
कदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,
रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैं
सब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,
दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैं
दिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,
मुझे ब्रेनलिस्ट के रूप में चिह्नित करें
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