Hindi, asked by urvishraj8, 4 hours ago

हिंदी पाठ्य पुस्तक से कोई दो लेखक एवं कवि का जीवन परिचय रचनाएं सहित लिखिए​

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Answered by malikanshara51
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kavi:

सूरदास का जन्म 1478 ई में रुनकता क्षेत्र में हुआ। यह गाँव मथुरा-आगरा मार्ग के किनारे स्थित है। कुछ विद्वानों का मत है कि सूर का जन्म दिल्ली के पास सीही [2] नामक स्थान पर एक निर्धन सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह बहुत विद्वान थे, उनकी लोग आज भी चर्चा करते है।--- मथुरा के बीच गऊघाट पर आकर रहने लगे थे। सूरदास के पिता, रामदास गायक थे। सूरदास के जन्मांध होने के विषय में [3] मतभेद है। प्रारंभ में सूरदास आगरा के समीप गऊघाट पर रहते थे। वहीं उनकी भेंट श्री वल्लभाचार्य से हुई और वे उनके शिष्य बन गए। वल्लभाचार्य ने उनको पुष्टिमार्ग में दीक्षित कर के कृष्णलीला के पद गाने का आदेश दिया। सूरदास की मृत्यु गोवर्धन के निकट पारसौली ग्राम में 1584 ईस्वी में हुई। [4]

lekhak :

आधुनिक नाटक साहित्‍य को नयी दिशा की ओर मोड़ने वाले मोहन राकेश प्रतिभासम्‍पन्‍न साहित्‍यकार हैं। हिनदी के प्रसिद्ध नाटककार एवं निबन्‍धकार मोहन राकेश का जन्‍म 8 जनवरी 1925 ई. को पंजाब के अमृतसर श्‍ााहर में हुआ था। इनके पिता श्री करमचन्‍द गुगलानी अधिवक्‍ता होते हुए भी साहित्‍य और संगीत के प्रमी थे, जिसका प्रभाव मोहन राकेश के जीवन पर पड़ा। मोहन राकेश ने लाहौर के ओरियण्‍टल कॉलेज सो शास्‍त्री परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद न्दिी औार संस्‍कृत विषयों म्‍ैा एम्‍ा.ए. किया शिक्षा समाप्ति के अनन्‍तर इन्‍होंने अध्‍यापन का काय्र किया। इन्‍होंने मुम्‍बई, शिमला, जालन्‍धर तथा दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में अध्‍यापन किया, परन्‍प्‍तु अध्‍यापन में विशेष रुचि न होने के कारण इन्‍होंने सन् 1962-63 ई. मेंं मासिक पत्रिका 'सारिका' के सम्‍पादन का कार्यभर सँभाला। कुछ समय पख्श्‍चात् इस कार्य को भी छोड़कर इन्‍होंने स्‍वतन्‍त्र लेखन का कार्य प्रारम्‍भ किया। सन् 1963 से 1972 ई. तक जीवनभर स्‍वतंत्र लेखन ही इनकी आजीविका का आधार रहा। 'नाटक की भाषा' पर कार्य करने के लिए इन्‍हें नेहरू फैलोशिप भी प्रदान की गयी, लेकिन असामयिक मृत्‍यु होने के कारण इस कार्य में व्‍यवधान पड़ गया। असमय ही 3 दिसम्‍बर 1972 ई. में दिल्‍ली में इनका मृत्‍यु हो गया।

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