Hindi, asked by hrushikesh028, 6 months ago

हिंदी स्पीच ऑन पुस्तक का महत्व​

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Answered by devirekha7559
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Answer:

पुस्तक ही हमारे एकांत के साथी होते हैं। वे हमारे ऐसे मित्र हैं, जो बदले में हमसे कुछ नहीं चाहते। अच्छी पुस्तकें सच्चे मित्र की तरह हमें हमेशा सही रास्ता दिखाते हैं तथा हमारा मनोरंजन भी करते हैं। एक किताब जितना वफादार कोई दोस्त नहीं है और वह हमें साहस और धैर्य प्रदान करते हैं।

chota ans hai par time nai tha

thanks

Answered by bhspratyush
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Answer:

पुस्तकें हमारी मित्र हैं | वे अपना अमृत-कोष सदा हम पर न्योछावर करने को तैयार रहती हैं | अच्छी पुस्तकें हमें रास्ता दिखाने के साथ-साथ हमारा मनोरंजन भी करती हैं | बदले में वे हमसे कुछ नहीं लेतीं, न ही परेशान या बोर करती हैं | इससे अच्छा और कौन-सा साथी हो सकता है कि जो केवल कुछ देने का हकदार हो, लेने का नहीं |

     पुस्तकें : प्रेरणा का स्त्रोत – पुस्तकें प्रेरणा की भंडार होती हैं | उन्हें पढ़कर जीवन में कुछ महान कर्म करने की भावना जागती है | महात्मा गाँधी को महान बनाने में गीता, टालस्टाय और थोरो का भरपूर योगदान था | भारत की आज़ादी का संग्राम लड़ने में पुस्तकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका थी | मैथलीशरण गुप्त की ‘भारत-भारती पढ़कर कितने ही नौजवानों ने आज़ादी के आदोंलन में भाग लिया था |

 

     पुस्तकें : विकास की सूत्रधार – पुस्तकें ही आज की मानव-सभ्यता के मूल में हैं | पुस्तकों के दुवारा एक पीढ़ी का ज्ञान दूसरी पीढ़ी तक पहुँचते-पहुँचते सरे युग में फ़ैल जाता है | विपिल महोदय का कथन है – “पुस्तकें प्रकाश-गृह हैं जो समयह के विशाल समुद्र में खड़ी की गई हैं |” यदि हज़ारों वर्ष पूर्व के ज्ञान को पुस्तकें अगले युगतक न पहुँचती तो शायद एक वैज्ञानिक सभ्यता का जन्म न होता |

     प्रचार का साधन – पुस्तकें किसी भी विचार, संस्कार या भावना के प्रचार का सबसे शक्तिशाली साधन हैं | तुलसी के ‘रामचरितमानस’ ने तथा व्यास-रचित महाभारत ने अपने युग को तथा आने वाली श्तब्दियों की पूरी तरह प्र्भाभित किया | आजकल विभिन्न सामाजिक आंदोलन तथा विविध विचारधाराएँ अपने प्रचार-प्रसार के लिए पुस्तकों को उपयोगी अस्त्र के रूप में अपनाती हैं |

     मनोरंजन का साधन  – पुस्तकें मानव के मनोरंजन में भी परम सहायक सिद्ध होती हैं | मनुष्य अपने एकांत क्षण पुस्तकों के साथ गुजार सकता है | पुस्तकों के मनोरंजन में हम अकेले होते हैं, इसलिए मनोरंजन का आनंद और अधिक गहरा होता है | इसलिए किसी ने कहा है – “पुस्तकें जागत देवता है | उनकी सेवा करके तत्काल वरदान प्राप्त किआ जा सकता है |”

किताबें व्यक्ति के जीवन का एक महत्त्वपर्ण अंग बन चकी हैं। इन्होंने व्यक्ति को सभ्य बनाने तथा जीवन का विकास करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह इंसान की जीवन साथी होती हैं। किताबें जानकारी का भंडार होती हैं। ये व्यक्ति के जीवन में रोशनी लेकर आती हैं। यह जीवन में सही रास्ता दिखलाती हैं। ये व्यक्ति के जीवन से अज्ञानता के अंधकार को दूर करती हैं।

इंसान के लिए किताबें कभी न हराने वाली दोस्त होती हैं। जब भी आदमी उदास होता है तो किताबें उसका सहारा बनती हैं। यह व्यक्ति का अपनी मीठी बातों से मनोरंजन करती हैं। यह उसकी रोज़मर्रा की बोरियत को दूर करती हैं। जो आनंद किताबें देती हैं वह लम्बा असर छोड़ती हैं। जब इंसान पर बुरा वक्त आता है तो उसके सभी रिश्तेदार एवं दोस्त साथ नहीं देते। तब किताबें हर अच्छे-बुरे वक्त में उसका साथ देती हैं। यह व्यक्ति को जीवन की परेशानियां भूलने में सहायता करती हैं।

किताबें व्यक्ति की जानकारी को समृद्ध करती हैं। किताबों की सहायता से व्यक्ति पुराने समय की जानकारियां प्राप्त कर सकता है। वह मानव की सभ्यताओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। वह वैज्ञानिक अनुसन्धानों तथा महान् व्यक्तियों के जीवन की जानकारियां प्राप्त कर सकता है। किताबें पढ़ते समय व्यक्ति इतिहास के विभिन्न समयों की यात्रा करता है। वह उन विद्वानों से बातें कर सकता है जो शारीरिक रूप से जीवित नहीं हैं किंतु किताबों में जीवित हैं।

किताबें अच्छी तथा बुरी दोनों प्रकार की हो सकती हैं। अच्छी पुस्तकें हमारा निर्माण करती हैं तथा बुरी पुस्तकें हमें गलत रास्ता दिखाती हैं। यहां कुछ ऐसी पुस्तकें भी हैं जो निम्न स्तर की मानसिकता दर्शाती हैं। ये बुराई तथा अन्याय का सामना करती हैं। किंतु हमें केवल अच्छी किताबें ही पढ़नी चाहिएं। जो ज्ञान का खजाना हमें किताबें देती हैं उसे कोई चोर भी नहीं चुरा सकता। हमें किताबों के चुनाव पर ध्यान रखना चाहिए। इस काम के लिए हमें अपने माता-पिता तथा अध्यापकों की सहायता लेनी चाहिए।

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