Social Sciences, asked by nayazmubarak, 1 month ago

हैदराबाद प्रोवेनझा टू की ब्रिटिश कॉन्टिजेंट इज नॉट प्रोसेस आफ्टर 1798 वाइट​

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Answered by Brainly321117
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हैदराबाद प्रोवेनझा टू की ब्रिटिश कॉन्टिजेंट इज नॉट प्रोसेस आफ्टर 1798 वाइट हैदराबाद प्रोवेनझा टू की ब्रिटिश कॉन्टिजेंट इज नॉट प्रोसेस आफ्टर 1798 वाइट हैदराबाद प्रोवेनझा टू की ब्रिटिश कॉन्टिजेंट इज नॉट प्रोसेस आफ्टर 1798 वाइट हैदराबाद प्रोवेनझा टू की ब्रिटिश कॉन्टिजेंट इज नॉट प्रोसेस आफ्टर 1798 वाइट हैदराबाद प्रोवेनझा टू की ब्रिटिश कॉन्टिजेंट इज नॉट प्रोसेस आफ्टर 1798 वाइट हैदराबाद प्रोवेनझा टू की ब्रिटिश कॉन्टिजेंट इज नॉट प्रोसेस आफ्टर 1798 वाइट

Answered by sainathfulmanthe
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Answer:

हैदराबाद स्टेट की एक पूर्व राजशाही थी, जिसका विस्तार तीन वर्तमान भारतीय राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में था। निज़ाम-उल-मुल्क जिसे अक्सर संक्षेप में सिर्फ निज़ाम ही कहा जाता है और जिसका अर्थ उर्दू भाषा में क्षेत्र का प्रशासक होता है, हैदराबाद रियासत के स्थानीय संप्रभु शासकों की पदवी को कहा जाता था। निज़ाम 1719 से हैदराबाद रियासत के शासक थे और आसफ़ जाही राजवंश से संबंधित थे।

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