Biology, asked by kirarvishal566, 2 months ago

हृदय की संरचना समझाइए​

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Answered by rohit293085
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हृदय की आन्तरिक संरचना (Internal Structure of Heart): हृदय वक्षगुहा में फेफडों के मध्य स्थित होता है। यह दोहरे हृदयावरण (pericardium) से घिरा होता है। दोनों झिल्लियों के मध्य हृद्यावरणीय तरल (pericardial fluid) भरा होता है।

इंसानी ह्रदय या दिल शरीर का वह अंग है जो मुख्यतः हमारे शरीर में रक्तवाह तंत्र की मदद से खून पंप करने के काम के लिए जाना जाता है।

इसके अलावा वह ऊतकों तक ऑक्सीजन व पोषक तत्त्व पहुंचता है एवं कार्बन डाइऑक्साइड तथा दूसरे अपव्यय हो चुके चीजों को निकालने का काम करता है। हमारा दिल एक मिनट में औसत रूप से 72 बार धड़कता है।

हमारे शरीर के अंगों को कार्य करते रहने के लिए ऑक्सीजन के आपूर्ति की जरुरत होती है। अगर हमारा ह्रदय शरीर के अंगों को सुचारु रूप से रक्त प्रवाहित नहीं करेगा तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। हमारा ह्रदय दोनों फेफड़ों के बीच में, छाती के बीच वाले हिस्से में पाया जाता है।

मानव ह्रदय की संरचना (Structure of Human Heart in Hindi)

ह्रदय एक ऐसा मांसपेशी है, जिसका आकर मुट्ठी से थोड़ा बड़ा होता है। शरीर के दूसरे मांसपेशियों की तरह यह सिकुड़ता एवं विस्तारित होता रहता है। यह अंग जब भी विस्तारित होता है, पूरे बल के साथ विस्तारित होता है, जबकि दूसरे अंग क्रम के आधार पर विस्तारित होते हैं। जब भी ह्रदय से खून स्पंदित या दूसरे अंगों की ओर पंप होता है, इस प्रतिक्रिया को कार्डियक साइकिल कहा जाता है जो एक मिनट में 72 बार अवतरित होता है।

ह्रदय का भार पुरुषों में 280 से 340 ग्राम तक होता है एवं महिलाओं में 230 से 240 ग्राम तक का होता है। यह अंग चार चैम्बरों में विभाजित है – ऊपर के तरफ के दो चैम्बरों को आर्टरिया कहा जाता है और नीचे के दो चैम्बरों को वेंट्रिकल कहा जाता है। दाईं तरफ के आर्टरियम एवं वेंट्रिकल मिलकर दायं ह्रदय का निर्माण करते हैं, उसी तरह से बायां ह्रदय है। मांसपेशियों का पतला दीवार जिसे सेप्टम कहा जाता है – दायं एवं बायं ह्रदय को दो भागों में बाटते हैं।

एक दोहरी परत वाली झिल्ली जिसे पेरीकार्डियम कहा जाता है, वह दिल के लिए एक खोल या कवर के सामान काम करता है। पेरीकार्डियम के बाहरी परत को पारिएटल पेरीकार्डियम कहा जाता है एवं अंदरूनी परत को सेरोस पेरिकार्डियम कहा जाता है – इनमे पेरिकार्डियल द्रव्य होता है जो फेफड़ों एवं डायाफ्राम के संकुचन एवं गति के वक्त उनके प्रभाव से दिल को बचाते हैं।

दिल के बाहरी परत के तीन लेयर होते हैं। बाहरी परत को एपिकार्डियम कहा जाता है। बीच की परत जिसे मायोकार्डियम कहा जाता है – इनके अंदर वे मांसपेशी पाए जाते हैं जोकि सिकुड़ते रहते हैं। अंदरूनी परत या एनोकार्डियम का खून से संपर्क रहता है।

आर्टरिया एवं वेंट्रिकल को जोड़ने का काम अरत्रिओवेंट्रिकुलर वाल्व करते हैं जोकि ट्राइकस्पिड वाल्व एवं माइट्रल वाल्व से मिलकर बने हैं। दाएं वेंट्रिकल एवं पॉल्मूनरी आर्टरी को अलग करने का काम पॉल्मूनरी सेमिलुनार वाल्व करते हैं। बाएं वेंट्रिकल को एओर्टा से अलग करने का कार्य एओर्टिक वेंट्रिकल करते हैं। वाल्व हार्टस्ट्रिंग के सहारे मांसपेशियों से टीके रहते हैं।

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