हा!वृद्धा के अतुल धन हा! वृद्धता के सहारे’ हा ! प्राणों के परम प्रिय हा ! मेरे एक दुलारे। मे व्याप्त रस पहचानिए ।
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हा!वृद्धा के अतुल धन हा! वृद्धता के सहारे’ हा ! प्राणों के परम प्रिय हा ! मेरे एक दुलारे। मे व्याप्त रस पहचानिए ।
हा!वृद्धा के अतुल धन हा! वृद्धता के सहारे’ हा ! प्राणों के परम प्रिय हा ! मेरे एक दुलारे। में करुण रस है |
करुण रस का स्थायी भाव शोक होता है इस रस में किसी अपने का विनाश या अपने का वियोग, एवं प्रेमी से सदैव विछुड़ जाने या दूर चले जाने से जो दुःख या वेदना उत्पन्न होती है उसे करुण रस कहते है |
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Answer:हा!वृद्धा के अतुल धन हा! वृद्धता के सहारे’ हा ! प्राणों के परम प्रिय हा ! मेरे एक दुलारे। मे व्याप्त रस पहचानिए ।
Explanation:
हा!वृद्ध के अतुल धन हा! वृद्धा के ख़्याल' हा ! प्राणों के परम प्रिय हा ! मेरे एक दुलारे। स्थिति स्थिति पहचान ।