haaldaar saab kasbee me kyo rukte the ???????
Answers
Answered by
0
Answer:
हालदार साहब जब भी कस्बे में से गुजरते थे तो वे चौराहे पर रुक कर नेता जी की मूर्ति को देखते रहते थे। उन्हें हर बार नेता जी का चश्मा अलग दिखता था। ... उसके बदले में मूर्ति पर नया चश्मा लगा देता था। इस प्रकार नेता जी का चश्मा हालदार साहब को हर बार बदला हुआ मिलता था।
Similar questions