Hindi, asked by Breadman, 6 months ago

हहिंदी भाषा के कवियों में बाबू हरिश्चिंद्र का स्थान बहुत ऊँचा समझा जाता है। यह ठीक है कक उन्हें तुलसी , सूि , बबहािी या केशि की सी लोकवियता नहीिं िाप्त हुई मगि इसका कािण यह नहीिं कक िे योग्यता में इन कवियों से घटकि थे | तुलसीदास पद्य बुद्ध आख्याययका के सम्राट थे | सूि ने अध्यात्म औि बबहाि ने सौंदयय औि िेम को कमाल पि पहुँचाया। कबीि ने सिंसाि की यनस्सािता का िाग गाया। हरिश्चिंद्र ने हि ििंग की कविता की | िह काव्य ियतभा जो ककसी एक ििंग को बहुत ऊँचाई तक पहुँचा सकती थी , बबखि गयी | इसललए ये किी ऊँचाई औि गिंभीिता में यद्यवप हरिश्चिंद्र से बढ़े हुए हैं मगि कायि विस्ताि की दृष्टी से हरिश्चिंद्र का स्थान बहुत ऊँचा है | उनकी ियतभा बहुमुखी थी औि उनको गद्य औि पद्य दोनों पि समान अधधकाि था | गद्य में तो उन्हें मागयदशयक का स्थान िाप्त है | उनके पहले िाजा लक्ष्मण लसिंह औििाजा लशििसाद ने हहिंदी गद्य में ख्यायत पाई थी मगि िाजा लक्ष्मण लसिंह की योग्यता के अधधकति अनुिादों में खचय हुई औि िाजा लशििसाद की हहिंदी में उदूय शब्द बड़ी सिंख्या में िहते थे | शुद्ध हहिंदी की नीिंि भाितेंदु ही की कलम ने डाली औि उस ज़माने से अब तक हहिंदी गद्य ने बहुत कुछ तिक़्की हालसल कि ली है मगि आज भी हरिश्चिंद्र के हहिंदी गद्य की िौढ़ता,चुलबुलापन औि शुद्धता िशिंसनीय है | उनकी सबसे अधधक स्मिणीय औि स्थायी साहहत्त्यक पूँजी उनके नाटक हैं | इस मैदान में कोई उनका ियतयोगी नहीिं | हहिंदी नाट्यकला के िे िितयक हैं | उनके पहले हहिंदी भाषा में नाटकों का अत्स्तत्ि न था | िाजा लक्ष्मण लसिंह ने काललदास की ' शकुिंतला ' का अनुिाद अिश्य ककया था,पि िह केिल अनुिाद था | मौललक नाटक अिाप्य थे | बाबू हरिश्चिंद्र ने हहिंदी साहहत्य की इस कमी को पूिा किने की कोलशश की | उन्होंने छोटे बड़े १८ नाटक ललखे त्जनमें कुछ मौललक औि कुछ अनुिाद हैं | मौललक नाटकों में 'सत्य हरिश्चिंद्र ' औि 'चिंद्रािली ' ऐसी ककताबें हैं जो सिंसाि की ककसी भी भाषा का गौिि हो सकती हैं | 'मुद्रािाक्षस' यद्यवप एक सिंस्कृत नाटक का अनुिाद है,तथावप उच्चकोहट की िचना के सािे गुणों से भिपूि इस सािे साहहत्त्यक कृयतत्ि पि दृष्टी डालकि कह सकते हैं कक हरिश्चिंद्र जैसी सियतोमुखी ियतभा का किी हहिंदी भाषा में शायद ही दूसिा पैदा हुआ होगा |

प्रश्न 1 उपयुयक्त गद्यािंश के आधाि पि यनम्नललखखत िश्नों के उत्ति दीत्जये| (5)
१. सूि,तुलसी ,बबहािी,केशि आहद से भाितेंदु हरिश्चिंद्र का साहहत्य ककस िकाि लभन्न है ?
२. भाितेंदु को हहिंदी नाट्यकला का िितयक क्यों कहा जाता है ?
३. भाितेंदु की सिायधधक स्मिणीय साहहत्त्यक पूँजी क्या है ?
४. भाितेंदु ने ककतने नाटक ललखे? ककन्हीिं दो के नाम ललखखए ?
५. मौललक औि अनुहदत नाटकों में क्या अिंति होता है ?

Answers

Answered by shravaniMuley
0

Answer:

don't have any answer........

Similar questions