Hindi, asked by Eutuxia, 8 hours ago

Hallo Users,
↪ Subject : Hindi
↪ Class : 8
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↪ Question~
(1) कोई एक कहानी भिखखए जिसकी शब्द सीमा अधिकतम 200 शब्द तक हो.

(2) समय का सदपुयोग करने वाला व्यक्ति महान बन जाता है इस पर अपने विचार व्यक्त
कीजिए.

(3) अपने मित्र से हुई बातचीत को संवाद के रूप में भिखखए.

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Answers

Answered by SachinGupta01
37

कोई एक कहानी लिखिए जिसकी शब्द सीमा अधिकतम 200 शब्द तक हो l

किसान की सूझबूझ

एक गांव में रामू नाम का एक लड़का रहता था l वह बहुत मेहनत और लगन से खेतों में काम करता था l एक दिन वह खेतों में काम कर रहा था l काम करते-करते वह थक गया और फिर उसने सोचा कि क्यों ना कुछ खाने चलें l उसके खेतों के पास ही एक मिठाई की दुकान थी l उसको बहुत ही भूख लगी थी इसलिए वह मिठाई की दुकान के पास चला गया l मिठाई की दुकान के पास जाते ही, उसे बहुत अच्छी मिठाइयों की खुशबू आने लगी l वह मिठाइयों को खाना तो बहुत चाहता था लेकिन उस दिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे l ऐसे में वह मिठाई खरीद नहीं सकता था, तब वह कुछ देर वहीं खड़े होकर मिठाइयों की सुगंध का आनंद लेने लगा। वह काफी देर तक ऐसे ही मिठाइयों की सुगंध लेता रहा l परंतु कुछ देर बाद जब यह बात मिठाई वाले को पता चली , तब उससे किसान की खुशी देखी नहीं गई, वह किसान के पास गया और बोला, पैसे निकालो। फिर किसान अपने मन में सोच रहा था कि मैंने तो मिठाई खाई भी नहीं, तो फिर पैसे क्यों देना l किसान हैरान हुआ और बोला कि मैंने तो मिठाई नहीं खरीदी और न ही चखी है फिर पैसे किस बात के ? हलवाई बोला, भले ही तुमने मिठाई नहीं ली हो, लेकिन मेरी बनाई मिठाई की खुशबू का आनंद तो लिया है। फिर हलवाई ने कहा तुम्हें मिठाई के पैसे देने ही होंगे, क्योंकि मिठाई की खुशबू लेना मिठाई खाने के बराबर है l इसके बाद किसान पहले तो थोड़ा घबरा गया लेकिन फिर थोड़ी देर बाद उसने सूझबूझ से काम लिया l उसने अपनी जेब से थोड़े सिक्के निकाले और उन्‍हें दोनों हाथों के बीच में डालकर खनकाया। अब खनकाने के बाद किसान अपने रास्ते जाने लगा। फिर हलवाई बोला अरे भाई कहां चले ! जल्द से जल्द मेरे पैसे निकालो वरना पुलिस को बुला लूंगा l फिर किसान ने बिना घबराए कहा, जैसे मिठाई की खुशबू का आनंद लेने मिठाई खाने के बराबर ही है, वैसे ही सिक्कों की खनक सुनना भी पैसे लेने के बराबर ही है।

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समय का सदपुयोग करने वाला व्यक्ति महान बन जाता है, इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए l

यह बात शत प्रतिशत सच है कि समय का सदपुयोग करने वाला व्यक्ति महान बन जाता है l आजकल दुनिया में जितने भी सफल व्यक्ति हैं, वह सब समय का सदुपयोग करके ही दुनिया में आगे बढ़े हैं l महात्मा गांधी ने अपने जीवन में 'समय' को सबसे अधिक महत्व दिया था l उन्होंने जीवन की सफलता का आधार समय को ही बताया है l समय प्रकृति के द्वारा दिया गया एक ऐसा उपहार है जिसके गुजरने के बाद मनुष्य केवल हाथ ही मलता रह जाता है l हम सभी ने यह बात तो सुनी ही होगी, जो क्षण चला जाता है वह कभी लौटकर नहीं आता l उचित समय बीत जाने पर किया गया कोई भी कार्य न तो महत्वपूर्ण होता है और न ही सफल हो पाता है l सफलता के लिए हमें समय के प्रत्येक क्षण का सदपुयोग करने की आदत डालनी चाहिए l जीवन क्या है, कभी भी धोखा दे सकता है, इसलिए हमें समय को बर्बाद करके अपने आप को धोखा नहीं देना चाहिए l जो व्यक्ति समय को धोखा देता है समय अपना बदला उससे जरूर लेता है l उस समय मनुष्य के पास कोई विकल्प नहीं बचता और वह बहुत परेशान हो जाता है l ऐसे मनुष्य के लिए एक मुहावरा है; अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत l अंत : हमें समय का सदपुयोग करना चाहिए तथा हमें कभी भी यह नहीं भूलना चाहिए कि समय तो हमारे लिए जीवन है l

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अपने मित्र से हुई बातचीत को संवाद के रूप में लिखिए l

राहुल : नमस्ते राघव ! तुम्हें तुम्हारे परीक्षा के नंबरों के बारे में पता चल गया ?

राघव : हां दोस्त ! अभी स्कूल से वापस आया हूं l आज तो अध्यापक ने मेरे पिता जी से मेरी बहुत सारी शिकायतें की l

राहुल : क्यों भाई अध्यापक ने तुम्हारी शिकायतें क्यों लगाई ? क्या तुम्हारे नंबर अच्छे नहीं आए ?

राघव : हां ! मैं तो केवल दो ही परीक्षाओं में पास हो पाया हूं l जिसके कारण आज अध्यापक बहुत अप्रसन्न थे l

राहुल : मैं तो तुझे पहले से ही बोल रहा था, थोड़ी बहुत पढ़ाई कर ले l लेकिन तुमने तो मेरी एक भी बात न मानी l

राघव : मैं बहुत दुखी हूं ; सारे कक्षा के बच्चे अब मेरा मजाक उड़ाएंगे l

राहुल : अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत l अब तू दुखी मत हो, आगे से ध्यान देना l हमें हमेशा पढ़ाई को मन लगाकर करना चाहिए l

राघव : तू बिल्कुल ठीक कह रहा है; मैं आगे से पढ़ाई पूरी मेहनत और लगन से करूंगा l

Answered by roshni542
10

Answer:

1.Ans→एक बार की बात है, किसी जंगल में एक कौवा रहता था, वो बहुत ही खुश था, क्योंकि उसकी ज्यादा इच्छाएं नहीं थीं। वह अपनी जिंदगी से संतुष्ट था, लेकिन एक बार उसने जंगल में किसी हंस को देख लिया और उसे देखते ही सोचने लगा कि ये प्राणी कितना सुन्दर है, ऐसा प्राणी तो मैंने पहले कभी नहीं देखा! इतना साफ और सफेद। यह तो इस जंगल में औरों से बहुत सफेद और सुंदर है, इसलिए यह तो बहुत खुश रहता होगा।कोवा हंस के पास गया और पूछा, भाई तुम इतने सुंदर हो, इसलिए तुम बहुत खुश होगे?इस पर हंस ने जवाब दिया, हां मैं पहले बहुत खुश रहता था, जब तक मैंने तोते को नहीं देखा था। उसे देखने के बाद से लगता है कि तोता धरती का सबसे सुंदर प्राणी है। हम दोनों के शरीर का तो एक ही रंग है लेकिन तोते के शरीर पर दो-दो रंग है, उसके गले में लाल रंग का घेरा और वो सूर्ख हरे रंग का था, सच में वो बेहद खूबसूरत था। अब कौवे ने सोचा कि हंस तो तोते को सबसे सुंदर बता रहा है, तो फिर उसे देखना होगा।कौवा तोते के पास गया और पूछा, भाई तुम दो-दो रंग पाकर बड़े खुश होगे?

इस पर तोते ने कहा, हां मैं तब तक खुश था जब तक मैंने मोर को नहीं देखा था। मेरे पास तो दो ही रंग हैं लेकिन मोर के शरीर पर तो कई तरह के रंग हैं।अब कौवे ने सोचा सबसे ज्यादा खुश कौन है, यह तो मैं पता करके ही रहूंगा। इसलिए अब मोर से मिलना ही पड़ेगा। कौए ने मोर को जंगल में ढूंढा लेकिन उसे पूरे जंगल में एक भी मोर नहीं मिला और मोर को ढूंढते-ढूंढते वह चिड़ियाघर में पहुंच गया, तो देखा मोर को देखने बहुत से लोग आए हुए हैं और उसके आसपास अच्छी खासी भीड़ है।

सब लोगों के जाने के बाद कौवे ने मोर से पूछा, भाई तुम दुनिया के सबसे सुंदर जीव हो और रंगबिरंगे हो, तुम्हारे साथ लोग फोटो खिंचवा रहे थे। तुम्हें तो बहुत अच्छा लगता होगा और तुम तो दुनिया के सबसे खुश जीव होगे?इस पर मोर ने दुखी होते हुए कहा, भाई अगर सुंदर हूं तो भी क्या फर्क पड़ता है! मुझे लोग इस चिड़ियाघर में कैद करके रखते हैं, लेकिन तुम्हें तो कोई चिड़ियाघर में कैद करके नहीं रखता और तुम जहां चाहो अपनी मर्जी से घूम-फिर सकते हो। इसलिए दुनिया के सबसे संतुष्ट और खुश जीव तो तुम्हें होना चाहिए, क्योंकि तुम आज़ाद रहते हो। कौवा हैरान रह गया, क्‍योंकि उसके जीवन की अहमियत कोई दूसरा बता गया।

दोस्तों, ऐसा ही हम लोग भी करते हैं। हम अपनी खुशियों और गुणों की तुलना दूसरों से करते हैं, ऐसे लोगों से जिनका रहन-सहन का माहौल हमसे बिलकुल अलग होता है। हमारी जिंदगी में बहुत सारी ऐसी चीज़ें होती हैं, जो केवल हमारे पास हैं, लेकिन हम उसकी अहमियत समझकर खुश नहीं होते। लेकिन दूसरों की छोटी ख़ुशी भी हमें बड़ी लगती है, जबकि हम अपनी बड़ी खुशियों को इग्नोर कर देते हैं।

2Ans.→समय हमारे जीवन का वह महत्वपूर्ण पहलू है। जिसे एक बार खो देने के बाद, इस जीवन में उसे पुनः प्राप्त करना असंभव है। यह हमें जीवन में हमेशा आगे का रास्ता दिखाती है।हमारे जन्म से लेकर मृत्यु तक “समय (Time)” नामक यह शब्द हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा होता है। अपने जीवन में समय का कुशलता पूर्वक उपयोग करना ही Samay Ka Sadupyog कहलाता है।समय किसी का इंतजार नहीं करती है। यह हर-हमेशा चलती ही रहती है। इसकी अमूल्यता का अनुमान हम इन बातों से भी लगा सकते हैं कि,

हर Successful आदमी से अगर उसकी सफलता का मूल मंत्र पूछा जाता है। तो, उनके सभी बातों के अलावा एक बात “समय को पहचानना” निश्चित जुड़ा होता है।जो मनुष्य जीवन में समय की मूल्यता को नहीं समझता है। उसके द्वारा जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता हाँसिल करना असंभव है।

जिस प्रकार दूध से एक बार दही बना देने के बाद उसे पुनः दूध के रूप में प्राप्त नहीं किया जा सकता है। ठीक उसी प्रकार जीवन में जो क्षण बीत जाता है। उसे पुनः प्राप्त करना संभव नहीं है।हर मनुष्य के जीवन में एक सीमित समय होता है और जब इसका अंत हो जाता है। तो हमारे जीवन का भी अंत हो जाता है। समय वह रत्न है,

जिसका सही ढंग से उपयोग करने पर गरीब भी अमीर बन जाता है और गलत ढंग से प्रयोग करने पर अमीर-से-अमीर व्यक्ति भी गरीब हो जाता है।अर्थात जो लोग समय को बर्बाद करते हैं। समय उसे बर्बाद कर देती है। समय के महत्तता और निरंतरता को ध्यान में रखते हुए कविवर कबीरदास जी ने ठीक ही लिखा है _

“काल करै सो आज कर, आज करै सो अब, पल में परलै होएगी, बहुरी करौगे कब॥”

अर्थात हमें शीघ्रता से समय रहते अपना काम पूरा कर लेना है। अन्यथा हम मुंह ताकते रह जाएंगे। अतः निश्चित रूप से किसी भी मनुष्य को अपने जीवन के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए समय का सदुपयोग करना अनिवार्य है।

3Ans.→बाढ़ आने से कई गाँव जलमग्न हो गए हैं। दो मित्र उनकी सहायता के लिए जाना चाहते हैं। उनके बीच हुए संवाद का लेखन कीजिए।

उत्तरः

पंकज – अमर! क्या तुमने आज का अखबार पढ़ा?

अमर – नहीं, क्या कोई विशेष खबर छपी है?

पंकज – हाँ बाढ़ के कारण कई गाँव पानी में डूब रहे हैं। खेतों में पानी भरने से फसलें डूब रही हैं।

अमर – ऐसे में लोगों को बड़ी परेशानी हो रही होगी?

पंकज – लोग जैसे-तैसे अपने सामान और मवेशियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।

अमर – ऐसो की मदद के लिए हमें तुरंत चलना चाहिए। वे जहाँ भी हैं, उनकी मदद करनी चाहिए।

पंकज – मैं अपने मित्रों के साथ कुछ कपड़े, खाने की वस्तुएँ, मोमबत्ती, माचिस आदि इकट्ठा करके आज दोपहर तक पहुँच जाना चाहता हूँ।

अमर – यह तो बहुत अच्छा रहेगा। मैं अपने साथियों से कहूँगा कि वे कुछ रुपये भी दान स्वरूप दें, ताकि उनके लिए पानी की बोतलें और ज़रूरी दवाइयाँ खरीदा जा सके। पंकज – तुमने बहुत अच्छा सोचा है। क्या तुम भी मेरे साथ चलोगे?

अमर – मैं अवश्य साथ चलूँगा और मुसीबत में फँसे लोगों की मदद करूँगा।

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