हम अपने घर में ,अपने परिवार के सदस्यों के साथ किस भाषा में बात करें , इसके लिए ना कोई कानून बना है और ना उसके बनाने की आवश्यकता है। घर में बातचीत सहज और स्वाभाविक हमसे अपनी मातृभाषा में की जाती है। यह साहित्यिक रूप में नहीं की जाती , अपितु साधारण रूप में प्रचलित बोली में की जाती है। कई ऐसे परिवार हैं जहां माता-पिता विभिन्न प्रांतों के हैं और भिन्न-भिन्न भाषा भाषी हैं। ऐसी परिवारों के बच्चे या तो माता की भाषा में बात करते हैं या माता-पिता दोनों की। इसका निर्धारण परिवार में स्वत: हो जाता है। परिवार से बाहर मित्रों से, दुकानदार से किस भाषा में बातचीत की जाए, यह परस्पर सुविधा पर निर्भर करता है। बहुभाषी समाज में या ऐसे स्थानों पर, जहां एक से अधिक मात्र भाषा बोलने वाले लोग परस्पर मिलते हैं, वे भी आपसी सूझबूझ से अपनी बात स्पष्ट करने का ढंग ढूंढ लेते हैं। जैसी परिस्थितियां होती है, उनके अनुसार कोई ना कोई भाषा संपर्क भाषा का काम करती है।
प्रश्न 1. घरों में बातचीत किस भाषा में की जाती है? *
(क) सहज भाषा
(ख) राष्ट्रभाषा
(ग) स्वाभाविक भाषा
(घ) मातृभाषा में सहज एवं स्वाभाविक ढंग से
प्रश्न 2. संपर्क भाषा क्या कार्य करती है? *
(क) इसके द्वारा आपकी अपनी बात स्पष्ट नहीं होती हैं।
(ख) भिन्न-भिन्न भाषाएं बोलने वालों के मध्य बातचीत का माध्यम बनती है।
(ग) मातृभाषा सिखाती हैं।
(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 3. गद्यांश में से चुनकर "विशेष" और "असुविधा" शब्दों के विपरीत शब्द बताइए।
(क) निर्धारण और आपकी सूझ - बूझ
(ख) आवश्यकता और सहज
(ग) असुविधा और विशेश
(घ) साधारण और सुविधा
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1. option d
2. option b
3. option b
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