हम बचपन से ही उनके अंग लग गए थे। इस कथन का क्या आशय है
bakwas na karen सही उत्तर दें।
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हमारे पिता तड़के (प्रभात, सवेरा) उठकर, निबट-नहाकर पूजा करने बैठ जाते थे। हम बचपन से ही उनके अंग लग गए थे। ... वह अपने साथ ही हमें भी उठाते और साथ ही नहला-धुलाकर पूजा पर बिठा लेते। हम भभूत का तिलक लगा देने के लिए उनको दिक करने लगते थे।
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Apne Kahan kiya :-(
But Still I am following u ❤️
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