हम खुशियों दीप जलाएंगे रिक्त स्थान की पूर्थी सही
कारक से भरिए।)
A) ने
C) के
D) से
Answers
Heya mate!!
के is the right answer
हम खुशियों के दीप जलाएंगे
हम खुशियों के दीप जलाएंगे।
रिक्त स्थान की पूर्ति के सही कारक से होगी।
विकल्प C) के सही उत्तर है।
व्याख्या:
इस वाक्य में के संबंध कारक का उपयोग हुआ है।
जिस रूप में किसी वस्तु का दूसरी वस्तु के साथ संबंध प्रकट हो वह संबंध कारक कहलाता है।
कारक के निम्नलिखित आठ भेद हैं-
कर्ता कारक: क्रिया करने वाला
चिह्न: ने
कर्म कारक: जिस पर क्रिया का प्रभाव पड़े
चिह्न: को
करण कारक: जिस साधन से क्रिया हो
चिह्न: से के द्वारा
संप्रदान कारक:जिसके लिए क्रिया की गई हो
चिह्न:के लिए
अपादान कारक: जिससे अलगाव हो
चिह्न:से ( अलगाव )
संबंध कारक: क्रिया को छोड़कर दूसरे पदों से संबंध बताने वाला
चिह्न: का, के, की, रा, रे, री में, पर
अधिकरण कारक : क्रिया करने का स्थान
चिह्न: में, पर
संबोधन कारक: जिस संज्ञा से पुकारा जाए
चिह्न: हे, अरे, ओ
अतिरिक्त जानकारी:
1. जिन शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ संबंध का पता चले उन्हें कारक कहते हैं।
2.संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के करने वाले का बोध होता है उसे कर्ता कारक कहते हैं। कर्ता कारक का प्रयोग सदैव भूतकाल में ही होता है। इस कारक का चिह्न 'ने' है।
- सोनू ने फल खरीदा
- रजत ने दूध पिया ।
2. शब्द के जिस रूप का क्रिया पर प्रभाव पड़ता है उसे कर्म कारक कहते हैं। इस काल का चिह्न 'को' है।
- सिपाही ने चोर को पकड़ा।
- कवि ने लोगों को कविता सुनाई।
3. क्रिया को करने में कर्ता जिस साधन की सहायता लेता है उसे करण कारक कहते हैं। इस कारक का चिह्न 'से' (के द्वारा) है।
- अर्पिता चाकू से सेब काट रही है।
- गाय रस्सी से बँधी है।
4. कर्ता द्वारा जिसके लिए कार्य किया जाता है उसे संप्रदान कारक कहते हैं।
इस कारक का चिह्न 'के लिए है।
- वह माला के लिए फूल लाया
- सरिता ने प्रिया के लिए लडडू बनाया।
5. संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से अलग होने का भाव स्पष्ट हो उसे अपादान कारक कहते हैं। इस कारक का चिह्न 'से' है परंतु इससे अलगाव व्यक्त होता है, जैसे-
- बच्चे के हाथ से गमला गिरा,
- पवन कार से कूदा।
6. जिस रूप में किसी वस्तु का दूसरी वस्तु के साथ संबंध प्रकट हो वह संबंध कारक कहलाता है। इसका चिह्न 'का, की, के, री, री, रे' है।
- यह चित्र महाराणा प्रताप का है।
- यह कमीज़ दादा जी की है।
7. संज्ञा के जिस रूप से क्रिया के स्थान व आधार का पता चले वह अधिकरण कारक कहलाता है।
इस कारक का चिह्न 'में, पर है।
- पेड़ पर कोयल बैठी है।
- जंगल में मोर नाच रहा है।
8. संज्ञा के जिस रूप से किसी को संबोधित किया जाए उसे संबोधन कारक कहते हैं।
इस कारक का चिह्न 'हे!, अरे! ओ!' है।
- अरे! तुम आ गए।
- हे भगवान! इसको तो बहुत चोट लगी है।
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निम्नलिखित वाक्यों में कारकों को रेखांकित कर उनके नाम भी लिखिए −
(क)कीचड़ का नाम लेते ही सब बिगड़ जाता है।
........................
(ख)क्या कीचड़ का वर्णन कभी किसी ने किया है?
........................
(ग)हमारा अन्न कीचड़ से ही पैदा होता है।
........................
(घ)पदचिह्न उसपर अंकित होते हैं।
........................
(ङ)आप वासुदेव की पूजा करते हैं।
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Question 2:
अधोलिखितेषु पदेषु प्रयुक्तां विभक्तिं वचनं च लिखत −
पदानि
विभक्ति:
वचनम्
यथा
भ्रमणाय
चतुर्थी:
एकवचनम्
(क)
वस्तूनि
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#SPJ2