हम मिट्टी की रज में खेल-खेलकर बड़े हुए हैं और हमारा शरीर भी मिट्टी का ही एक अंग
है। आज बढ़ते हुए प्रदूषण से हमारे देश की मिट्टी भी अपने आपको प्रताड़ित महसूस कर
रही हैं। अतः मिट्टी की मनोदशा का वर्णन करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए ।
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हाय दोस्त
आप कैसे हैं हम सब यहाँ ठीक हैं हमारे समय की मिट्टी इतनी अच्छी थी कि हम इसमें खेले थे और यह अब हमारे जीवन का हिस्सा है क्योंकि प्रदूषण के कारण मिट्टी भी बहुत पीड़ित है कई कह रहे हैं मैं इस बारे में सोच रहा हूँ कि आप क्या करते हैं महसूस करते हैं कि आप जल्द ही आपसे मिलते हैं और हमारे सभी मित्रों को उत्तर देने में समय लगता है
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