Science, asked by universalutkaesh, 5 months ago

हमारा हाथ कितने एटम से मिलकर बना हुआ है​

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Answered by devanshd0007
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Answer:

डीएनए से लेकर एटम तक शरीर के हर अंग और तत्व की भूमिका होती है। आइए जानते हैं मानव शरीर से जुड़े कुछ अनूठे तथ्य।

सुपरसाइज्ड मॉलीक्यूल्स : हम जिस भी चीज का अनुभव करते हैं वह मॉलीक्यूल की बनी होती है। इनका आकार अलग-अलग होता है। प्रकृति का सबसे बड़ा मॉलीक्यूल हमारे शरीर में पाया जाने वाला क्रोमोसोम है। एक सामान्य व्यक्ति में 23 जोड़ी क्रोमोसोम होते हैं। मॉलीक्यूल ऑफ डीएनए1 सबसे बड़ा होता है। इसमें करीब 10 अरब अणु होते हैं।

फर लॉस: यह तथ्य है कि हमारे शरीर में भी उतने ही रोएं होते हैं, जितने कि एक चिपांजी के शरीर में। मगर, शरीर में रोएं की भूमिका उतनी नहीं रही है, जितनी आदि मानव में थी। इसलिए वे धीरे-धीरे गायब हो जाते हैं।

एटॉमिक कोलैप्स: शरीर को बनाने वाले अणु बहुत सी खाली जगह घेरे रहते हैं। इन खाली जगह के बिना शरीर को इतना दबाया जा सकता है कि वह छोटी सी जगह में फिट हो जाए। यदि इंसान का पूरा एटॉमिक स्पेस खत्म हो जाए, तो शरीर सेंटीमीटर के 1/40 वें हिस्से में फिट हो जाएगा।

इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रिपल्शन: किसी पदार्थ का निर्माण करने वाले अणु एक दूसरे को कभी नहीं छूते हैं। कारण, वे एक दूसरे के जितने करीब जाते हैं उनके बीच उतना ही अधिक बल विपरीत दिशा में लगता है। यह तब भी होता है जब चीजें एक दूसरे के संपर्क में रखी हुई दिखती हैं। जब आप कुर्सी पर बैठते हैं तो असल में आप अणुओं के प्रतिकर्षण के कारण कुर्सी की सतह के ऊपर तैर रहे होते हैं।

खून का लाल रंग: हीमोग्लोबिन के रिंग के अणुओं को पोर्फिरिन कहते हैं। पोर्फिरिन के साथ आयरन जुड़कर उसका आकार बदल देता है। इसी कारण खून का रंग लाल दिखता है। हीमोग्लोबिन का रंग कितना लाल होगा, यह ऑक्सीजन पर निर्भर करता है। ऑक्सीजन की मात्रा के अनुसार पोर्फिरिन का आकार बदलता है, जिससे खून का अलग-अलग रंग दिखता है।

अन्य जीवन : हमारे शरीर में लाखों बैक्टीरिया होते हैं। १९२क् में अमेरिकी इंजीनियर जेम्स रेनियर्स ने पता किया कि क्या बैक्टीरिया के बिना जीवन संभव है। उन्होंने बैक्टीरिया फ्री वातावरण तैयार कर जानवरों को पाला। मगर, वह जानवर जल्दी मर गए। जो बचे उन्हें खास किस्म का भोजन देना पड़ता था। क्योंकि आंत में बैक्टीरिया पाचन में मदद करने वाले एन्जाइम्स नहीं बना पा रहे थे।

स्पेस ट्रॉमा : यह भ्रम है कि स्पेस में बिना सूट के जाने वाले व्यक्ति का शरीर फट जाएगा। अंतरिक्ष में आपका खून शरीर के सकरुलेटरी सिस्टम के दबाव में अच्छा बना रहता है। स्पेस में सिर्फ एक ही कारण से मौत हो सकती है वह है ऑक्सीजन की कमी। 1965 में नासा के वैक्यूम टेस्ट चेंबर में एक टेस्ट सब्जेक्ट का सूट लीक कर गया। हादसे का शिकार जीवित बचने वाला वह व्यक्ति 14 सेकंड तक होश में रहा।

संवेदनशीलता: आपने पढ़ा होगा कि शरीर में पांच संवेदी अंग होते हैं। मगर, ये सही नहीं है। आप अपने हाथ को गर्म प्रेस के पास ले जाइए, लेकिन उसे छुएं नहीं। आपके पांचों संवेदी अंग में से कोई नहीं बताएगा कि प्रेस गर्म है। आपकी त्वचा में मौजूद हीट सेंसर की मदद से अपको पता चलेगा कि वह गर्म है। इसी तरह से आंख बंद कर अपनी नाक, आंख या कोहनी को छुएं। ठीक सही जगह आपका हाथ पहुंचेगा। ऐसा मेटा सेंसर्स के कारण होता है, जो दिमाग के साथ मिलकर यह बताता है कि आपकी मांसपेशियां क्या काम कर रही हैं।

एटम काउंट : आपका शरीर छोटे-छोटे अणुओं से मिलकर बना है। आप शायद इसकी संख्या का अंदाजा भी न लगा सकें। एक वयस्क इंसान के शरीर में करीब 731027 अणु होते हैं।

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Answered by jackiemehra20
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हम जानते हैं कि हाथ की पांच उंगलियां इन्हीं पांच तत्वों का प्रतिनिधत्व करती हैं। अंगूठा अग्नि का, तर्जनी वायु का, मध्यमा आकाश का, अनामिका पृथ्वी का और कनिष्का जल का प्रधिनिधित्व करती हैं।

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Math, 11 months ago