हमारे हरी हारिल की लकरी में कौन सा रस है
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sringaar ras is the answer
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Answer:
हमारे हरी हारिल की लकरी में वियोग श्रृंगार रस हैI
Explanation:
- श्रंगार रस का स्थाई भाव रति होता है नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति या प्रेम जब रस कि अवस्था में पहुँच जाता है तो वह श्रंगार रस कहलाता है इसके अंतर्गत सौन्दर्य, प्रकृति, सुन्दर वन, वसंत ऋतु, पक्षियों का चहचहाना आदि के बारे में वर्णन किया जाता है।
- जहां पर नायक-नायिका का परस्पर प्रबल प्रेम हो लेकिन मिलन न हो अर्थात नायक-नायिका के वियोग का वर्णन हो वहां पर वियोग रस होता है। वियोग श्रृंगार रस का स्थायी भाव रति होता हैI
अत: सही उत्तर वियोग श्रृंगार रस हैI
#SPJ3
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