'हमारे हरि हारिल की लकरी' यह बात किसके द्वारा व क्यों कही गई ? ( 50 शब्द)
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गोपियों का कृष्ण को हारिल की लकड़ी कहने का तात्पर्य यह है कि उनके हृदय में कृष्ण का प्रेम इतना दृढ़ता पूर्वक समाया हुआ है जो किसी भी प्रकार निकल नहीं सकता कहने का आशय है कि गोपियां कृष्ण के प्रति ही एक निष्ठ है | गोपियों ने कृष्ण को हारी पक्षी के समान माना था हारिल पक्षी सदा अपने पंजों में कोई न कोई लकड़ी का टुकड़ा या तिनका पकड़े रहता है और गोपियों के हृदय में सदा श्री कृष्ण बसते थे इसलिए यह बात साबित होती है कि गोपियों ने यह बात कही थी श्री कृष्ण के प्रति
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गोपियों का कृष्ण को हारिल की लकड़ी कहने का तात्पर्य यह है कि उनके हृदय में कृष्ण का प्रेम इतना दृढ़ता पूर्वक समाया हुआ है जो किसी भी प्रकार निकल नहीं सकता कहने का आशय है कि गोपियां कृष्ण के प्रति ही एक निष्ठा गोपियों ने कृष्ण को हारी पक्षी के समान माना था हारिल पक्षी सदा अपने पंजों में कोई ना कोई लकड़ी का टुकड़ा या तीन इक्का पकड़े रहता है और गोपियों के हृदय में सदा श्री कृष्ण बसते थे इसीलिए यह बात साबित होती है कि गोपियों ने यह बात कही थी श्री कृष्ण के प्रति |
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