हमारा जीवन में लोकगीतो का क्या महत्व है अपने विचार लिखिए
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Explanation:
★लोकगीत लोक के गीत है। जिन्हें कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा लोक समाज अपनाता हैै। लोकगीत शास्त्रीय संगीत से भिन्न है। लोकगीत सीधे लोगों के गीत होते है। घर, नगर, गाॅव के लोगों के अपने गीत होते है। इसके लिए शास्त्रीय संगीत की तरह प्रयास या अभ्यास की जरुरत नहीं है।
★ लोकगीत मानव जीवन की अनुभूत अभिव्यक्ति और हृदयोदगार है तथा जीवन का स्वच्छ और साफ दर्पण भी है, जिसमें समाज के व्यक्त जीवन का प्रतिबिंब दिखाई पड़ता है। लोकगीत मनुष्य के स्वाभाविक भावनात्मक स्पंदनों सें जितना जुड़ा हुआ है उतना वाणी के किसी रूप में भी नहीं।
★ लोकगीत ही लोकजीवन की वास्तविक भावनाओं को प्रस्तुत करता है। इसमें मनुष्य मात्र के पारिवारिक और सामाजिक जीवन का सामयिक तथा भावनात्मक चित्रण रहता है। जीवन के सभी पहलुओं एवं विभिन्न परिस्थितियों में मनुष्य के मानसिक एवं शारीरिक व्याापार जैसे ही होते हैं, उनका यथातथ्य चित्रण लोकगीत में मिलता है।
★ लोकगीत में सामूहिक चेतना की पुकार मिलती है। इसमें जनता के जीवन का इतना विशद चित्रण होता है कि उनमें मूल संस्कृति तथा जनजीवन का पूर्ण चित्रण मिल जाता है। लोकगीतों में हमारी मूल संस्कृति जिसे हम लोकसंस्कृति कहते हैं विरासत के रूप में रखी होती है।
★ लोकगीत के द्वारा जनजीवन के सभी पक्षों का दर्शन होता है। जनसमाज के अपने गीत होते हैं जिनमें किसी समाज विशेष की जीवनानुभूति की अभिव्यंजना होती है। जीवन की प्रत्येक अवस्था जन्म से लेकर मृत्युपरांत लोकगीत समयानुकूल भावनाओं को अभिव्यक्ति देता है। लोकगीत में जीवन के हर्ष-विषाद, आशा-निराशा, सुख-दुख सभी की अभिव्यक्ति होती है।
निष्कर्ष –
लोकगीत आनंददायक और आल्हादकारक होते है। लोकगीतों के सफलता का मुख्य कारण है इनकी समझी जा सकने वाली भाषा। लोकगीतों में दलीय गायन अधिक पाया जाता है। लोकगीतों के साथ लोकनृत्य का भी विषेष स्थान है। लोकगीतों की लंबी सामाजिक और सांस्कृतिक परंपरा है। लोकगीतों के अध्ययन में ध्यान देना जरुरी है। लोकगीतों का विकास अधिक से अधिक होना आवष्यक है ताकि हमारी संस्कृति का जतन हो।
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