Hindi, asked by Shakthiaarvinv, 4 months ago

हमारे मौलवी साहब दज थे| मौलवीिगरी केवल शौक से करते थे| हम दोन भाई अपने गाँव के लोग से उनक खूब
बड़ाई करते थे या किहए क हम मौलवी साहब के एजट थे| हमारी मेहनत से जब मौलवी साहब को कुछ िमल जाता, तो हम फूले नह समाते| translate in English

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Answered by premyadavk15gmailcom
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Sorry I didn't get a chance to me and I will be in the works

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