हमारे राष्ट्रीय पर्व par nibandh ??????
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भारत में त्योहार धर्म, मौसम पर आधारित होते हैं और कुछ राष्ट्रीय महत्व का भी होते हैं।
स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती आदि के त्योहार देश के राष्ट्रीय त्योहार हैं। वे भारत के सभी समुदायों के लोगों द्वारा मनाए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस, जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है, हमें उन सैनिकों की याद दिलाता है जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ देश की सेवा में अपना जीवन जीता था। उस ऐतिहासिक दिन पर हमारी दीर्घकालिक स्वतंत्रता हमें दी गई थी
गणतंत्र दिवस वह दिन है जिस , दिन भारत एक गणतंत्र देश बन गया था। अब हम अपने स्वयं के संविधान के साथ एक सार्वभौम धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य हैं विजय चौक से लाल किले की परेड गणतंत्र दिवस का एक महत्वपूर्ण समारोह है।
गांधी जयंती हमारे देश के पिता, मोहनदास करमचंद गांधी के जन्मदिन को कहा जाता हैं। यह 2 अक्टूबर को पूरे देश में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देकर मनाया जाता है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता संग्राम के लिए लड़ाई में अपना जीवन निर्धारित किया था।
भारत के राष्ट्रीय पर्व
भारत को पर्वों का देश कहा जाता है। पर्वों या त्योहारों की श्रृंखला में सभी धर्मों से संबंधित त्योहार हमारे देश में मनाए जाते हैं। ये त्योहार हमें अपनी संस्कृति से भी जोड़े रहते हैं। राष्ट्रीय त्योहारों में तीन ही मुख्य हैं गणतंत्र दिवस, जो 26 जनवरी को मनाया जाता है; स्वतंत्रता दिवस, जो 15 अगस्त को मनाया जाता है तथा गांधी जयंती, जिसे 2 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त बाल दिवस, शिक्षक दिवस, शहीदी दिवस भी राष्ट्रीय स्तर पर ही मनाए जाते हैं। हमारे देश में अनेक त्योहारों का संबंध संस्कृति या धर्म से है। हिंदुओं के त्योहारों में होली, दीपावली, दशहरा, रक्षाबंधन, मुख्य हैं। मुसलमानों के त्योहारों में ईद, ईसाइयों के त्योहारों में क्रिसमस, सिक्खों के त्योहार में गुरुपर्व, जैन धर्म के त्योहारों में महावीर जयंती और बौद्ध धर्म के त्योहारों में बुद्ध पूर्णिमा प्रमुख हैं। इनके अलावा दक्षिण भारत में ओणम तथा पोंगल, पंजाब में वैसाखी तथा असम में बिहू धूमधाम से मनाए जाते हैं । ये सभी त्योहार हमें कोई न कोई संदेश देकर जाते हैं। ये आपसी भाईचारे, सहयोग तथा अच्छे आचरण की शिक्षा देते हैं। यद्यपि भारत के त्योहार अलग-अलग मान्यताओं, आस्थाओं तथा किंवदंतियों पर आधारित हैं तथापि आजकल इन्हें मिलजुलकर मनाया जाता है। इस प्रकार ये सभी त्योहार राष्ट्रीय एकता के प्रतीक बन गए हैं। आज भारत के पर्व इकबाल के इस कथन को प्रमाणित करते हैं कि कोई भी धर्म आपसी भाईचारे या मेलमिलाप के विरुद्ध नहीं है। अनेकता में एकता' भारतीय संस्कृति को सबसे बड़ी पहचान है, जो भारत के पर्वों के माध्यम से देखी जा सकती है।