हमारा - राष्ट्रीय ध्वज par nibhand
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भारत के राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहते हैं, राष्ट्रीय ध्वज देश की स्वतंत्रता का प्रतीक होता है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में, तीन रंग विद्यमान हैं, इसके वजह से इसका नाम तिरंगा रखा गया है। पहले के राष्ट्रध्वज संहिता के अनुसार केवल सरकार तथा उनके संगठन के माध्यम से ही राष्ट्र पर्व के अवसर पर ध्वज फहराने का प्रावधान था। परन्तु उद्योगपति जिन्दल के न्यायपालिका में अर्जी देने के बाद ध्वज संहिता में संशोधन लाया गया। कुछ निर्देशों के साथ निजी क्षेत्र, स्कूल, कार्यालयों आदि में ध्वज लहराने की अनुमति दी गई।
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विजयी विश्व तिरंगा प्यारा । झंडा ऊंचा रहे हमारा ।।
प्रत्येक देश का अपना राष्ट्रीय ध्वज होता है जो उस देश के गौरव और सम्मान का प्रतीक होता है । हमारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है, जो देश की स्वतंत्रता के बाद से हमारे राष्ट्रीय भवनों पर फहरा रहा है ।
15 अगस्त 1947 को भारतवर्ष स्वतन्त्र हुआ था और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरू ने लालकिले पर प्रथम बार ध्वजारोहण किया था । हमारी पराधीनता का प्रतीक यूनियन जैक उस दिन उतार दिया गया था । तब से आज तक राष्ट्र की आन-बान और शान का प्रतीक तिरंगा फहरा रहा है ।
हमारा राष्ट्रीय ध्वज केसरीया, श्वेत और हरे रंगों से बना है । इस के मध्य में अशोक चक्र है । इस चक्र में चौबीस शलाकाएं हैं और इसका रंग गहरा नीला (Navy Blue) है । भारत सरकार ने सम्राट अशोक के इस चक्र को ग्रहण कर भारतीय प्राचीन गौरव की रक्षा की है ।
तिरंगे के तीन रंग अपने विशेष गुणों के प्रतीक हैं । केसरिया रंग उत्साह और वीरता का परिचायक है । इसी से प्रेरणा लेकर देश के अगणित वीरों ने देश की स्वतन्त्रता प्राप्ति हेतु अपने प्राणों की बाजी लगा दी थी । श्वेत रंग हमारी पवित्रता, उज्यल चारित्रिकता सत्य और सांस्कृतिक श्रेष्ठता का प्रतीक है ।
हरा रंग हमारे वैभव, श्री और सम्पत्रता का परिचायक है । लहलहाती हरी-भरी फसलों का रंग ही तो झलकता है, इस हरे रंग में । किसी दिन हमारा देश सोने की चिड़िया कहलाता था । यह हरा रंग उसी ओर संकेत करता है । आज हजारे देश ने कृषि उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में जो बहुमुखी प्रगति की है हरा रंग उसी प्रगति का सूचक है ।
ध्वज के मध्य में बना अशोक चक्र हमारी धार्मिक स्वतन्त्रता का प्रतीक है । उसकी चौबीस शलाकाएं हमारे विभिन्न धर्मों और उनकी समन्वित सांस्कृतिक एकता तथा ‘सर्वधर्म समभाव’ का परिचायक है । हमारे देश में सभी धर्मों के अनुयायियों को पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त है ।