हमारी संस्कृति एवं परम्पराओं में पर्यावरण के घटकों को सदैव पूजनीय मानकर संरक्षित किया गया है। कैसे? विभिन्न उदाहरणों द्वारा समझाइए।
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भारतीय संस्कृति जो लोगों को जीना सिखाती है।
हमारी संस्कृति एवं परंपराओं मैं पर्यावरण के घटकों को सदैव पूजनीय मानकर संरक्षित किया है। भारतीय संस्कृति के अनुसार पर्यावरण सर्वोच्च होता है। जिस में हम रहते हैं। हम पर्यावरण के पेड़-पौधों को जीवित मानते हैं । उनमें देवी देवताओं को मानते हैं । जिसके कारण हम उनकी पूजा करते हैं और उनको सुरक्षा प्रदान करते हैं ।
जैसे
- हर एक गांव में पीपल का पेड़ होता है और पीपल के पेड़ में अनेक देवताओं का वास माना जाता है। जिसके कारण हम पीपल के पेड़ को नहीं काटते।
- वैज्ञानिक दृष्टि से पीपल का पेड़ ही एकमात्र ऐसा वृक्ष है जो 24 घंटे जीवनदायिनी ऑक्सीजन गैस हमें प्रदान करती है।
- नीम का पेड़ हम इसमें देवी मां को मानते हैं जिसके कारण हम इस की कटाई नहीं करते।
- वैज्ञानिक दृष्टि से नीम का पौधा या पेड़ बहुत लाभदायक होता है इससे बहुत सारी औषधियां बनती है दवाइयां तैयार होती है और नीम के बीजों से कीटनाशक पाउडर बनाया जाता है। नीम के अनेक गुण है नीम के पत्ते को खाने से कोई भी घाव नहीं होता।
- बहुत सारे ऐसे उदाहरण हैं जो हमें पर्यावरण से जोड़ती है।
- हम जल में कचरा नहीं वह आते हैं और ना ही उसे प्रदूषित करते हैं क्योंकि हम उसे गंगा मां कहते हैं और मानते हैं।
- वैज्ञानिक दृष्टि से भी नदियों को गंदा नहीं करना चाहिए ।
- नदियों के गंदा होने से जलीय जीव प्रभावित होते हैं।
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