हमारी सुविधा के लिए पवनों तथा जल ऊर्जा के पारंपरिक उपयोग में किस प्रकार के सुधार किए गए हैं?
Answers
उत्तर :
पवनों तथा जल ऊर्जा का बहुत लंबे समय से प्रयोग मानव के द्वारा पारंपरिक रूप से किया जाता रहा है। वर्तमान में इनमें से कुछ सुधार किए गए हैं ताकि इन से उर्जा की प्राप्ति सरलता,सुगमता से हो।
१.पवन ऊर्जा :
पहले पवन ऊर्जा से पवन चक्कियां चला कर कुओं से जल खींचने का काम होता था लेकिन अब पवन ऊर्जा का उपयोग विद्युत उत्पन्न करने में किया जाने लगा है। विद्युत उत्पन्न करने के लिए अनेक पवन चक्कियों को किसी बहुत बड़े क्षेत्र में लगाया जाता है। यह उन स्थानों में लगाई जाती है जहां पर पवन की गति 15 km/h से अधिक हो। जनित्रों से भी पवन चक्की की पंखुड़ियों को घूर्णी गति दी जा सकती है।
२. जल ऊर्जा :
जल विद्युत संयंत्रों में ऊंचाई से गिरते जल की स्थितिज ऊर्जा को विद्युत में रूपांतरित किया जाता है। ऐसे जलप्रपातों की संख्या बहुत कम है जिनके उपयोग स्थितिज ऊर्जा के स्रोत के रूप में किया जा सकता है । इसलिए अब जल विद्युत संयंत्रों को बांधों से संबंधित किया गया है। हमारे देश में विद्युत ऊर्जा की मांग का एक चौथाई भाग जल विद्युत संयंत्रों से पूरा होता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
मेरुरज्जु आघात में किन संकेतों के आने में व्यवधान होगा? उत्तर. मेरुरज्जु आघात में तंत्रिकाओं तथा विभिन्न ग्राही से आने वाले संकेतों में व्यवधान उत्पन्न होगी|