Hindi, asked by japleen6, 8 months ago

हमारे शरीर से झल-कपट कब निकलता है? (सृजनात्मक लेखन) please answer it fast who ever will answer fast and correct I will mark him/her as brainliest​

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Answered by anildeny
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Explanation:

आम आदमी पार्टी के नेता औऱ पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष ने ‘मुखौटे का राजधर्म’ नामक किताब लिखी है. किताब के विमोचन से पहले कहा कि, राजनीति में छल-कपट है, मैं राजनीति में अनफिट हूं. आप नेता और पूर्व पत्रकार ने ट्वीट किया, ”मेरी किताब ‘मुखौटे का राजधर्म’ का विमोचन आज हाल नं 8, प्रगति मैदान में शाम 4.20 बजे है. नामवर सिंह, शशिशेखर किताब पर चर्चा करेंगे. आप आमंत्रिति हैं.

आशुतोष ने अपनी किताब पर प्रकाश डालते हुए ट्वीट किया, ”लिखना आत्ममंथन है. ख़ुद को और समाज को खोजना है. ‘मुखौटे का राजधर्म’ मेरी निजी यात्रा है. एक व्यक्ति के तौर पर और एक पत्रकार के तौर.”

आशुतोष खुद को एक पत्रकार के तौर पर लोगों के बीच याद रखे जाने की तमन्ना रखते हैं. उन्होंने लिखा, ”मुझे क्या पसंद है? लिखना या राजनीति. लेखन जीवन है, राजनीति एक पड़ाव. पत्रकार के तौर पर याद किया जाऊँ, बस इतनी सी ख़्वाहिश है.”

आखिर केजरीवाल के मन में चल क्या रहा है? यह सवाल आशुतोष के इस ट्वीट से भी उठता है जिसमें उन्होंने लिखा है, ”राजनीति में छल है, कपट है. आत्मा संकीर्ण होती है. लेखन आत्मा का विस्तार है. स्व से साक्षात्कार है. राजनीति में मैं अनफ़िट हूँ.”

 

आशुतोष ने आगे लिखा, ”छोटे शहर से निकला हूँ. अंतिम साँस तक ईमानदार बना रहू, बस इतना तप है. जैसे चोला लेकर आया हूँ, वैसे का वैसा रख देना चाहता हूँ.”

Answered by fatimamahroz
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Explanation:

आम आदमी पार्टी के नेता औऱ पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष ने ‘मुखौटे का राजधर्म’ नामक किताब लिखी है. किताब के विमोचन से पहले कहा कि, राजनीति में छल-कपट है, मैं राजनीति में अनफिट हूं. आप नेता और पूर्व पत्रकार ने ट्वीट किया, ”मेरी किताब ‘मुखौटे का राजधर्म’ का विमोचन आज हाल नं 8, प्रगति मैदान में शाम 4.20 बजे है. नामवर सिंह, शशिशेखर किताब पर चर्चा करेंगे. आप आमंत्रिति हैं.

आशुतोष ने अपनी किताब पर प्रकाश डालते हुए ट्वीट किया, ”लिखना आत्ममंथन है. ख़ुद को और समाज को खोजना है. ‘मुखौटे का राजधर्म’ मेरी निजी यात्रा है. एक व्यक्ति के तौर पर और एक पत्रकार के तौर.”

आशुतोष खुद को एक पत्रकार के तौर पर लोगों के बीच याद रखे जाने की तमन्ना रखते हैं. उन्होंने लिखा, ”मुझे क्या पसंद है? लिखना या राजनीति. लेखन जीवन है, राजनीति एक पड़ाव. पत्रकार के तौर पर याद किया जाऊँ, बस इतनी सी ख़्वाहिश है.”

आखिर केजरीवाल के मन में चल क्या रहा है? यह सवाल आशुतोष के इस ट्वीट से भी उठता है जिसमें उन्होंने लिखा है, ”राजनीति में छल है, कपट है. आत्मा संकीर्ण होती है. लेखन आत्मा का विस्तार है. स्व से साक्षात्कार है. राजनीति में मैं अनफ़िट हूँ.”

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