Hindi, asked by gardenheart2, 1 year ago

हमारे त्योहार हमारी संस्कृति निबंध in हिंदी
1) त्योहार संस्कृती की पेहचान
२) मजबूत संस्कृती
३) उपसंहार


gardenheart2: if you don't know any answer then don't send stupid message
preetykahsual: pretty is topper of school from 7 year you can said that I don't know answer stupid
preetykahsual: instead of mathematics

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Answered by AbsorbingMan
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                          हमारे त्योहार हमारी संस्कृति

भारत को त्योहारों और भाषाओ का देश कहा जाता है क्यूंकि भारत के प्रतेक राज्य में एक अलग भाषा और अलग अलग त्योहार मनाये जाते है और यही त्योहार हमारी विभिन्नता और संस्कृति का प्रतीक हैं क्यूंकि हर त्योहार की एक अलग पहचान है जैसे वैसाखी का त्योहार किसानो का त्योहार है इस दिन किसान अपनी साल भर की की हुई मेहनत का फल पता है लेकिन भारत का हर नागरिक इस त्योहार की महत्वता समझता है इसलिए इस त्योहार को हर कोई मनाता है।

भारत में अलग-अलग धर्मो के लोग रहते है लेकिन सब मिल कर एक मजबूत संस्कृति की पहचान है क्यूंकि इतने ज्यादा धर्मो के बावजूद सभी लोगो में एक दूसरे के धर्म के प्रति आदर और सम्मान है और हर धर्म का अपना एक त्योहार है जैसे छठ पूजा बिहार राज्य के लोगो का त्योहार है और बिहार राज्य के लोग विभिन्न राज्य में होते हुए भी इस त्योहार को पूरी आज़ादी और उत्साह से मानते है और दूसरे धर्म और राज्य के लोग भी उनकी ख़ुशी में शामिल होते है और यही बात एक मजबूत और अटूट संस्कृति को दर्शाती है और विदेशो में रहते हुए लोग भी इस संस्कृति के दूर नहीं है वो वह रहते हुए भी इसका पालन कर रहे है और बराबर इसको मानते है

पुराने ज़माने में जब किसी को चोट लगती थी तो वो ज़मीन की मिटटी को उस जगह पर लगा लेता था और वो मिटटी दवा का काम करती थी भारत की मिटटी में ये ताकत भारत की संस्कृति से आयी है इसलिए यहाँ के लोग अपनी मिटटी के बहुत करीब है और इसके लिए अपने दिल में बहुत सम्मान और भाभुकता रखते है भारत के लोग अपनी संस्कृति के लिए ही जाने जाते है और संस्कृति ही लोगो की पहचान है ।

Answered by mandeepmalik9f18
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Answer:

मेरी प्राइमरी शिक्षा एक सरकारी स्कूल में हुई। वहां मैंने जो किताबें पढ़ीं, उनमें एक ऊर्दू रीडर भी थी। उसमें एक कविता थी, जिसका शीर्षक था ’’गाय’’ इस कविता की पहली लाइन थी- रब की हम- दो-सना कर भाई, जिसने ऐसी गाय बनाई। इस कविता की पहली लाइन मेरे लिए भारतीय संस्कृति का पहला परिचय थी। कविता की एक लाइन थी- कल जो घास चरी थी वन में, दूध बनी वह गाय के थन में। इसी से मैंने जाना कि गाय को भारत के लोगों ने इसलिए मुकद्दस माना, क्योंकि वह भारतीय संस्कृति की प्रतिनिधि है। गाय को दूसरे लोग घास देते हैं, लेकिन वह उन्हें दूध देती है। यानी गाय में ऐसी ताकत है कि वह नॉन मिल्क को मिल्क में बदल देती है। इसका मतलब यह है कि इन्सान को दुनिया में इस तरह रहना चाहिए कि दूसरे लोग भले उसके साथ बुरा सलूक करें, पर वह उनके साथ अच्छा सलूक करे। वह नकारात्मक अनुभव को सकारात्मक अनुभव में बदल दे।

स्वामी विवेकानंद की जिंदगी का एक वाक़या इस चीज की अच्छी मिसाल पेश करता है। एक बार उनके एक दोस्त ने उन्हें अपने घर बुलाया। जिस कमरे में वे लोग बैठे, उसमें एक मेज पर तमाम मजहबों की पाक किताबें रखी थीं। किताबें एक के ऊपर एक रखी थीं, और सबसे नीचे गीता रखी थी- हिंदू मजहब की मुकद्दस किताब। स्वामी जी उसे गौर से देख रहे थे। गीता पर उनकी नजर देख कर मेजबान ने नम्रता से पूछा, क्या गीता को सबसे नीचे देख कर उन्हें बुरा लगा है? स्वामी जी मुस्कुराए और बोले, नो, आय सी दैट द फाउंडेशन इज रियली गुड (बिलकुल नहीं, मैं तो देख रहा हूं कि नींव बहुत अच्छी है)। इस तरह स्वामी जी ने एक नकारात्मक नजरिए को सकारात्मक प्रसंग में बदल दिया।

भारतीय संस्कृति का एक बहुत बड़ा संदेश शांति भी है जिसे गांधी जी ने अपनाया। आज सारी दुनिया को शांति की भी जरूरत है और महात्मा गांधी ने व्यावहारिक तौर पर दिखाया कि शांति में कितनी ताकत है। भारत की सबसे बड़ी ताकत यह है कि यहां की संस्कृति परस्पर सहमति पर कायम है। यानी अपने को सच्चा मानते हुए दूसरों की सचाई की भी इज्जत करना। यही वजह है कि भारत में हर मजहब के लोगों को तरक्की करने का मौका मिला। मेरा अपना मानना है कि आज की दुनिया में 47 मुसलिम देश हैं, लेकिन भारत मुसलमानों के लिए सबसे अच्छा देश है। किसी भी कौम की तरक्की के लिए दो चीजों की जरूरत होती है- शांति और आजादी। ये दोनों चीजें एक साथ आज किसी भी मुसलिम मुल्क में मौजूद नहीं हैं, जबकि भारत में हैं। मुसलमानों के लिए तरक्की का जो मौका यहां मौजूद है वह किसी और देश में नहीं।

हमारे त्‍योहार हमारी साझा संस्कृति की अन्मोल धरोहर है ये त्यौहार ही हमे एक दूसरे की परम्पराओ से जोडे है इन त्यौहारो से ही देश में एकता भाईचारा कायम है हिंदू मुस्लिम से बडी पहले हम भारतवासी है और ये त्योहार और ये परम्पराए कहती है कि भारत की संस्कृति को बचाने के लिये हमे अपने देश के इन त्यौहारो को मिलजुल कर मनाने से हमारी संस्कृति सदियो तक जीवित रह सकती हैं हमारे ये त्यौहार ही हमारी संस्कृति की नींव को मजबूती प्रदान करते है।

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