Hindi, asked by gauri6243, 11 months ago

हमारे देश भारत में बढ़ता हुआ भ्रष्टाचार पर निबंध हिंदी में

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Answered by Himanchal3
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भ्रष्टाचार समाज में तेजी से फैलने वाली बीमारी है जिसने बुरे लोगों के दिमाग में अपनी जड़े जमा ली है। कोई भी जन्म से भ्रष्ट नहीं होता बल्कि अपनी गलत सोच और लालच के चलते धीरे-धीरे वो इसका आदी हो जाता है। यदि कोई परेशानी, बीमारी आदि कुछ आए तो हमें धैर्य और भरोसे के साथ उसका सामना करना चाहिए और विपरीत परिस्थितियों में भी बुरा काम नहीं करना चाहिए। किसी के एक गलत कदम से कई सारी जिन्दगीयाँ प्रभावित होती है। हम एक अकेले अस्तित्व नहीं है इस धरती पर हमारे जैसे कई और भी है इसलिये हमें दूसरों के बारे में भी सोचना चाहिए और सकारात्मक विचार के साथ जीवन को शांति और खुशी से जीना चाहिए।

आज के दिनों में, समाज में बराबरी के साथ ही आमजन के बीच में जागरुकता लाने के लिये नियम-कानून के अनुसार भारत सरकार ने गरीबों के लिए कई सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई है। जबकि, सरकारी सुविधाएं गरीबों की पहुँच से दूर होती जा रही है क्योंकि अधिकारी अंदर ही अंदर गठजोड़ बना कर गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं का बंदरबाँट कर रहे है। अपनी जेबों को भरने के लिये वो गरीबो का पेट काट रहे है।

समाज में भ्रष्टाचार के कई कारण है, आज के दिनों में राजनीतिज्ञ सिर्फ अपने फायदे की नीति बनाते है न कि राष्ट्रहित में। वो बस अपने को प्रसिद्ध करना चाहते है जिससे उनका फायदा होता रहे, उन्हें जनता के हितों और जरुरतों की कोई परवाह नहीं। आज इंसानियत का नैतिक पतन हो रहा है और सामाजिक मूल्यों में हरास हो रहा है। भरोसे और ईमानदारी में आयी इस गिरावट की वजह से ही भ्रष्टाचार अपने पाँव पसार रहा है।

भ्रषटाचार को सहने की क्षमता आम जनता के बीच बढ़ चुकी है। इसकी खिलाफत करने के लिये समाज में कोई मजबुत लोक मंच नहीं है, ग्रामीण क्षेत्रों में फैली अशिक्षा, कमजोर आर्थिक ढ़ाचाँ, आदि कई कारण भी जिम्मेदार है भ्रष्टाचार के लिये। सरकारी कर्मचारियों का कम वेतनमान उन्हें भ्रष्टाचार की ओर विमुख करता है। सरकार के जटिल कानून और प्रक्रिया लोगों को सरकारी मदद से दूर ले जाते है। चुनाव के दौरान तो ये अपने चरम पर होता है। चालाक नेता हमेशा गरीब और अनपढ़ों को ख्याली पुलाव में उलझाकर उनका वोट पा लेते है उसके बाद फिर चंपत हो जाते है।


gauri6243: thank you so much
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