हमारे देश की सबसे प्रमुख रोपड़ फसल कौन सी है?
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भारत में रोपण फसलों को उद्यान कृषि फसलों का मुख्य घटक माना जाता हैं। वे देश के अनेक राज्यों तथा संघ राज्य क्षेत्रों (यूटी) में कृषि अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार हैं वे समग्र देश के कृषि और औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। वे उत्पाद शुल्क तथा निर्यात आय के रूप में राष्ट्रीय कोष तथा देश के निर्यात में काफी राशि का योगदान करती हैं। वे देश में बड़ी संख्या में लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी उपलब्ध कराती हैं, और इस प्रकार गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में सहयोग करती हैं, विशेषत: ग्रामीण क्षेत्र में।
रोपण फसलें फसलों का एक बड़ा समूह हैं। प्रमुख रोपण फसलें हैं: नारियल, सुपारी, ताड़, काजू, चाय, कॉफी तथा रबड़, और गौण रोपण फसल कोको हैं। भारत काजू का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता हैं। 0.24 मिलियन हेक्टर क्षेत्र से काजू का कुल उत्पादन लगभग 0.57 मिलियन टन हैं। सुपारी के उत्पादन में भी भारत पहले स्थान पर हैं।
चाय और कॉफी देश में मुख्य और सबसे पुराने उद्योग हैं। वे बड़ी संख्या में लोगों को भरपूर रोजगार उपलब्ध कराते हैं और निर्यात की भी बहुत संभावनाएं हैं। विश्व में सबसे बड़े चाय उत्पादकों में से भारत एक हैं। संसार में व्यापार की दूसरी सबसे बड़ी वस्तु कॉफी हैं जो एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण विदेशी मुद्रा अर्जक हैं। भारत का कॉफी उद्योग विश्व में सबसे बड़े कॉफी उत्पादकों में से एक हैं।
भारत नारियल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और संसार के 90 नारियल उत्पादी देशों में अग्रणी हैं। भारत में नारियल रोपण के लिए क्षेत्र भिन्न-भिन्न कृषि-जलवायवी परिस्थितियों वाले 18 राज्यों और 3 संघ राज्य क्षेत्रों में वितरित हैं। भारत संसार में नारियल जटा का निर्माण करने वाला एक प्रमुख देश हैं। नारियल के विविध उत्पाद, खाद्य भी और अखाद्य भी, घरेलू तथा निर्यात बाजार के लिए उपलब्ध हैं। मृदु पेयों के अतिरिक्त, कोमल नारियल जल सांद्र एक अन्य उत्पाद हैं जिसका सफलतापूर्वक निर्माण और विपणन किया जाता हैं।
परंतु, भारत में रोपण फसलें निरंतर निवेश के अभाव और कम लब्धि की समस्या का सामना करती रही हैं और उन्हें आधुनिकीकरण की सख्त जरूरत हैं। उनका कुल क्षेत्र अपेक्षाकृत कम हैं और वे अधिकांशत: छोटी जातो तक सीमित हैं। अत:, भारत सरकार ने कुछ प्रमुख फसलों की पहचान महान आर्थिक महत्त्व वाली उच्च-मूल्य फसलों के रूप में की हैं वह इस क्षेत्र के वाणिज्यीकरण के लिए हर संभव उपाय और उपक्रम कर रही हैं। चाय, कॉफी नारियल तथा रबड़ उद्योग विश्व भर में निवेशकों को व्यवसाय के अधिक अवसर उपलब्ध करा रहे हैं।
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