Hindi, asked by Bellesahrasah6704, 11 months ago

हम समाज का अध्ययन किस प्रकार करते हैं

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Answered by ansistkharms
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सामाजिक अध्ययन / सामाजिक अध्ययन की अवधारणा एवं प्रकृति

सामाजिक अध्ययन से अभिप्रायः ऐसे विषय से है जो मानवीयसम्बन्धों की जानकारी प्रदान करता है। सामाजिक अध्ययन का जन्मअमेरिका में हुआ जिसमंे भूगोल, इतिहास, राजनीति शास्त्रा तथाअर्थशास्त्रा का समावेश था। 1911 में कमेटी आॅफ टेन ने इसेसमाज शास्त्र से जोड़कर सामाजिक अध्ययन बना दिया। धीरे धीरेयह विषय इंगलैंड तथा यूरोप के अन्य देशों में भी पूर्ण रूप सेविकसित हो गया।

सामाजिक अध्ययन का अर्थ  (Meaning of Social Studies)

सामाजिक अध्ययन का शाब्दिक अर्थ हैं - ”मानवीय परिपे्रक्ष्य में समाज काअध्ययन।“ यह एक ऐसा विषय हैजिसमें मानवीय सम्बन्धों तथा समाज केविभिन्न दृष्टिकोणों की जानकारी प्राप्तहोती है। समाज में अनेक प्रकार के लोगरहते हैं जो अनेक क्रियाएं करते हैं। वहव्यवहार में भी भिन्न-भिन्न होते हैं।सामाजिक अध्ययन में हम ऐसे मनुष्योंकी अनेक क्रियाओं का अध्ययन करते है। मनुष्य अपने आसपास केवातावरण के साथ सामजंस्य स्थापित करता है इसलिये मनुष्य तथाउसके वातावरण या पर्यावरण के सम्बन्धों का भी अध्ययन इसमेंकिया जाता हैं।



आज समाज में मानवीय मूल्य तथा पारिवारिक मूल्य धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। समाज का स्वरूप बदल रहा है। लोगों में प्रेम-प्यार, भाईचारे के स्थान पर धन अधिक प्रिय हो गया है। ज़्यादातर व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते निभाते हैं, अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से मिलते हैं। अमीर लोगों या रिश्तेदारों का सम्मान करते हैं, उनसे मिलने को आतुर रहते हैं जबकि गरीब रिश्तेदारों यो लोगों से कतराते हैं। केवल स्वार्थ सिद्धि की अहमियत रह गई है। आए दिन हम अखबारों में समाचार पढ़ते हैं कि ज़मीन जाय़दाद, पैसे जेवर के लिए लोग घिनौने से घिनौना कार्य कर जाते हैं। सामाजिक परंपराएँ और मान्यताएँ दम तोड़ रही है। समाज छिन्न-भिन्न हो रहा है।

हम समाज का अध्ययन व्यवहारिकता से कर सकते है ।

हम सामाजिक कारणों का पता लगा कर और उनका हल करने के लिए उनकी पूरी जानकारी परभाषित करनी पड़ती है ।

हमें समाज का प्रकृति से मापदंड और वैज्ञानिक ज्ञान करने पड़ता है ।

हमें उद्धार दृष्टिकोण का विकास करना पड़ता है ।

हमें ग्रामीण पुननिर्माण में सहायक होना पड़ता है ।

हमें समाज सुधारक होना चाहिए ।

हमारे द्वारा देशवासियों में एकता की भावना पैदा करना ।
Answered by aayat90
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aaj samaj me manviya mulya tatha parivarik mulya dheere dheere khatam hota ja rha hai. aaj samaj ka Swaroop Badal rha hai . logo me Prem , pyaar , bhaichaare ka sthaan pa dhan adhik Priya ho gya hai.jayatar log Apne swaarth ke liye rishte nibhaate h , apni jroorat ke hisab se milte hai. ameer logo ka hi Samman krte hai. unse Milne ko atur rhte hai , jabki greebo se Milne me ktraate hai .

ham samaj ka adhyan vyavaharikta se ke skte hai .

ham samajik karno ka pta lgakr aur unko hal krne ke liye unki puri jankaari prbhashit krni pdati hai

hame samaj ka prakrti se maapdand aur vegyanik gyaan krna pdta hai

hame uddaar drishtikon ka vikaas krna pdta hai.

hame gramin punnirmaan me shayak hona pdta hai.

hame samaj sudharak hona chahiye.

hope it's helpful for you

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